शाहाबाद फुटबॉल के भीष्म पितामह मो. सुल्तान का निधन, खेल प्रेमियों में शोक की लहर ..
जेसीटी फगवाड़ा, पंजाब, मोहम्मडन स्पोर्टिंग लीग, कोलकाता समेत कई फुटबॉल प्रतियोगिताओं में उन्होंने कामयाबी की नई इबारत लिखी थी. शाहाबाद डिस्ट्रिक्ट लीग के दौरान एक टूर्नामेंट में सर्वाधिक 52 गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में उनका रिकॉर्ड अब तक नहीं टूटा है.
- फुटबॉल संघ के अध्यक्ष समेत विभिन्न खेल प्रेमियों ने दी श्रद्धांजलि
- ताउम्र खेल तथा खिलाड़ियों के लिए समर्पित रहे मोहम्मद सुल्तान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पूरे शाहाबाद में फुटबॉल के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मोहम्मद सुल्तान अहमद का रविवार को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पिछले 4 वर्षों से चलने फिरने में अक्षम हो चुके पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी को सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. स्वजनों तथा देश के कई राज्यों से पहुंचे उनके चाहने वालों, खिलाड़ियों तथा खेल प्रेमियों की उपस्थिति में उन्हें बक्सर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. अपने पीछे वह पत्नी, दो पुत्रों, तीन पुत्रियों-दामाद समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं.
डूरंड कप में शामिल होने वाले बक्सर के एकमात्र खिलाड़ी:
मोहम्मद सुल्तान का नाम बक्सर से डूरंड कप में शामिल होने वाले एकमात्र फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में दर्ज है. वर्ष 1972-73 में आयोजित इस प्रतियोगिता के बाद कभी बक्सर से कोई टीम डूरंड कप में हिस्सा नहीं ले पाई. इसके अतिरिक्त जेसीटी फगवाड़ा, पंजाब, मोहम्मडन स्पोर्टिंग लीग, कोलकाता समेत कई फुटबॉल प्रतियोगिताओं में उन्होंने कामयाबी की नई इबारत लिखी थी. शाहाबाद डिस्ट्रिक्ट लीग के दौरान एक टूर्नामेंट में सर्वाधिक 52 गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में उनका रिकॉर्ड अब तक नहीं टूटा है.
ताउम्र करते रहे खेल तथा खिलाड़ियों की सेवा:
मोहम्मद सुल्तान ताउम्र फुटबॉल के प्रति समर्पित रहे. उनका खेल के प्रति विशेष लगाव ही कहा जाएगा कि, बिजली विभाग की नौकरी से रिटायरमेंट के पश्चात उन्होंने बक्सर में सुल्तान स्पोर्ट्स नामक दुकान खोली जिसमें खेल तथा खिलाड़ियों के लिए हर जरूरी चीज उन्होंने उपलब्ध कराने का काम किया. उनके बड़े पुत्र मोहम्मद चांद ने बताया की पिता की प्रेरणा से ही वह तथा उनके छोटे भाई आज भी सुल्तान स्पोर्ट्स के माध्यम से खेल तथा खिलाड़ियों की सेवा करते हैं.
प्रेरणा से कईयों ने पाया अपना मुकाम:
मोहम्मद चांद ने बताया कि वर्ष 1965 में जब फुटबॉल का क्रेज हुआ करता था उस वक्त उनके पिता ने यंग एथलेटिक क्लब की टीम में शामिल होकर बिहार के तरफ से डूरंड कप में हिस्सा लिया था. उन्होंने बताया कि, उनके पिता ने खेल से कभी संन्यास नहीं लिया. पूरे जीवन वह फुटबॉल तथा फुटबॉल खिलाड़ियों के सेवा में लगे रहे. उनकी प्रेरणा से कई खिलाड़ी आज देश में कई राज्यों में फुटबॉल के खेल में अपना नाम रोशन कर रहे वहीं कई खिलाड़ी कोटा से नौकरी भी कर रहे हैं.
शोक सभा के दौरान संघ के अध्यक्ष तथा खेल प्रेमी |
शोक में डूबे खेल प्रेमी, किया नमन:
उधर, फुटबॉलर मोहम्मद सुल्तान के निधन के बाद बक्सर में खेल प्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ गयी है. जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष डॉ.रमेश सिंह की अध्यक्षता में स्थानीय किला मैदान में एक शोक सभा आयोजित की गई. जिसमें फुटबॉल रेफरी तथा जिला फुटबॉल टीम के उप चेयरमैन मो. इस्लाम अंसारी, कन्वेनर जनार्दन सिंह, पूर्व सचिव राजू सिंह, एच ओ आर डी संतोष पांडेय, मंगलेश दूबे, राम इकबाल सिंह, इजहार आलम, डब्लू यादव, बबलू यादव, मोहम्मद चांद के साथ-साथ जिला वुशू संघ के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार सिंह, समाजसेवी तथा साहित्यकार कुमार नयन, फैज मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के संयोजक नियमतुल्लाह फरीदी,रेड क्रॉस के वाइस चेयरमैन डॉ. शशांक शेखर, सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, साबित रोहतासवी, डॉ. दिलशाद आलम, संजय राय, समाजसेविका लता श्रीवास्तव अखिलेश पांडेय, क्रिकेट संघ के सभी सदस्यों के साथ-साथ कई खेल प्रेमियों ने शोक व्यक्त किया है.
Post a Comment