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न्यायाधीश के पुत्र का झारखंड न्यायिक सेवा में हुआ चयन ..

छपरा सेंट्रल स्कूल से मैट्रिक करने के बाद लखनऊ से इंटरमीडिएट और भारती विद्यापीठ पुणे से विधि स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और यूनिवर्सिटी से निकलते ही पहली ही बार मे झारखंड न्यायिक सेवा में चयनित होकर सफलता का परचम लहराया है. 
नव चयनित न्यायाधीश अभिनव मिश्रा एवं बक्सर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम राकेश मिश्र


- झारखंड न्यायिक सेवा में मिली सफलता.
- पिता ने बताया पुत्र की कड़ी मेहनत का नतीजा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कहते हैं कि "पूत के पांव पालने में दिख जाते है", यह कहावत अपर जिला सत्र न्यायाधीश षष्ठम बक्सर राकेश मिश्र के पुत्र अभिनव ने झारखंड न्यायिक सेवा में चयनित होकर चरितार्थ कर दी है.

मूलरुप से देवरिया ज़िले के सोहनपुर गाँव के रहने वाले अभिनव मिश्र पिता की बिहार की न्यायिक सेवा की नौकरी के साथ पले बढ़े और छपरा सेंट्रल स्कूल से मैट्रिक करने के बाद लखनऊ से इंटरमीडिएट और भारती विद्यापीठ पुणे से विधि स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और यूनिवर्सिटी से निकलते ही पहली ही बार मे झारखंड न्यायिक सेवा में चयनित होकर सफलता का परचम लहराया है. 

एक जज के बेटे का जज में नियुक्ति से मां और पिता का भी अरमान पूरा कर दिया. अपर सत्र न्यायाधीश राकेश मिश्र में अपने पुत्र की सफलता से अभिभूत होकर परम् पिता परमेश्वर की आशीर्वाद और बेटे की कड़ी मेहनत और लगन को श्रेय दिया है. माँ मंजू मिश्र भी खुश है कि, न्यायिक अधिकारी आवासीय परिसर में पला बढ़ा बेटा न्यायिक सेवा में ही चयनित हो गया इससे बढ़कर मां की खुशी क्या हो सकती है?















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