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बक्सर में मिला प्यार दिल में संजोकर रखेंगे : राघवेन्द्र सिंह

सिद्धाश्रम साहित्य परिषद, एमपी उच्च विद्यालय एवं मार्गदर्शन कोचिग क्लास के संयुक्त तत्वावधान में निवर्तमान जिलाधिकारी के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षी अधीक्षक उपेन्द्र नाथ वर्मा ने जहां निवर्तमान डीएम की साहित्यिक अभिरूचि एवं सृजनात्मक लेखन से परिचित कराया. 
बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन देने के लिए उप निर्वाचन पदाधिकारी को सम्मानित करते निवर्तमान जिला पदाधिकारी, राघवेंद्र सिंह

- शारदा भवन के परिसर में आयोजित था सम्मान समारोह
- एसपी ने भी निवर्तमान जिलाधिकारी के सृजनात्मक क्षमता को सराहा


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ज्ञान धारा अनवरत चलती रहनी चाहिए. बिना ज्ञान का जीवन सूना होता है. धन, संपदा, वैभव समस्त प्राप्त होने के बाद भी बिना ज्ञान का जीवन अधूरा है. ये बातें निवर्तमान जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने एमपी हाईस्कूल स्थित शारदा भवन में आयोजित अपने सम्मान समारोह में कही. सिद्धाश्रम साहित्य परिषद, एमपी उच्च विद्यालय एवं मार्गदर्शन कोचिग क्लास के संयुक्त तत्वावधान में निवर्तमान जिलाधिकारी के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षी अधीक्षक उपेन्द्र नाथ वर्मा ने जहां निवर्तमान डीएम की साहित्यिक अभिरूचि एवं सृजनात्मक लेखन से परिचित कराया. 

इस दौरान, सदर एसडीएम कृष्ण कुमार उपाध्याय ने कहा कि जब कोई पदाधिकारी अपने लगन से प्रशासनिक कार्यों का संपादन करते हुए शेष बचे अपने समय का उपयोग शिक्षा, साहित्य और सामाजिक कार्यों के लिए करता है तो वह समाज का प्रिय और आदर्श बन जाता है. उप निर्वाचन पदाधिकारी आशुतोष राय ने कहा कि कंप्यूटर सोसायटी का जीर्णोद्धार, उसे कौशल विकास से जोड़ने की पहल तथा साहित्य एवं सांस्कृतिक विकास के लिए साहित्य परिषद का गठन जिले की उपलब्धियों के रूप में याद रहेगा. मार्गदर्शन कोचिग के प्रतियोगी बच्चों ने उन्हें अपने अभिभावक के रूप में याद किया. अंत में अपनी भावपूर्ण विदाई को स्वीकार करते हुए श्री सिंह ने कहा कि बक्सर से प्राप्त प्यार को अपनी अर्जित पूंजी के रूप में वह दिलों में संजोकर रखेंगे. निवर्तमान डीएम ने कहा कि वह बक्सर को कभी भूल नहीं सकते. धन्यवाद ज्ञापन एमपी हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ.विजय कुमार मिश्र ने किया. मौके पर सिद्धाश्रम साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष प्रो.छविनाथ त्रिपाठी, सिद्धनाथ मिश्र, श्रीभगवान पांडेय, दीपनारायसण सिंह, धन्नूलाल प्रेमातुर, राजनारायण सिंह, शिव बहादुर पांडेय, श्रीनिवास पाठक, डॉ.अरुण मोहन भारवि, अतुल मोहन, ओम प्रकाश केशरी, वरमेश्वर ओझा आदि मौजूद थे.











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