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व्यवस्था जिन्दाबाद ! जनता के करोड़ों रुपये पानी में डूबे, जिम्मेदार मौन ..

सड़क के किनारे बने घरों के गृह स्वामियों के द्वारा घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे सड़क पर पाया जाता है. पूछने पर उनका कहना यह होता है कि, जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने पर आखिर वह करें तो क्या करें? 
गड्ढे में तब्दील हुई सड़क

- पांडेयपट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग दुर्दशा का शिकार
- एक करोड़ से ज्यादा लागत की सड़क पर जलजमाव, शुरु हुई टूट-फूट

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा लोगों की लापरवाही के कारण पांडेय पट्टी-चक्रहंसी मुख्य मार्ग की सड़क अब बुरी तरह से टूट-फूट का शिकार हो गयी है. दरअसल, घरों का गंदा पानी निकलने के लिए निकासी की व्यवस्था ना हो पाने के कारण पानी सड़क पर आता है जिसके कारण सड़क टूटने लगी है. हालात यह है कि, सड़क पर पोखर जैसा नज़ारा देखने को मिल रहा है. जल निकासी के लिए शुरु हुए नाली निर्माण का कार्य भी अधूरा रह जाने से जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर व्यवस्था को कोसने को मजबूर हैं. आश्चर्यजनक रूप से  जिम्मेदार व्यक्ति इस व्यवस्था पर मौन साधे हुए हैं.

बताया जा रहा है कि, पूर्व में इस सड़क की हालत खराब होने की वजह से वर्षों तक नारकीय स्थिति झेल रहे लोगों की परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 1 करोड़ 2 लाख 78 हज़ार 360 रुपये की लागत से पांडेय पट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का निर्माण कराया गया था. इस सड़क को पिछले जनता की सेवा में समर्पित किया गया था. हालांकि, तकरीबन 6 माह पूरा होते-होते सड़क कई जगह से टूटने लगी.

सड़क पर बहाया जा रहा नालियों  का पानी:

इस सड़क के किनारे बने घरों के गृह स्वामियों के द्वारा घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे सड़क पर पाया जाता है. पूछने पर उनका कहना यह होता है कि, जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने पर आखिर वह करें तो क्या करें? ऐसे में हालात यह बन गए हैं कि, कई वर्षों तक बदहाल सड़क का दंश झेलने के बाद जिस सड़क के निर्माण से लोगों ने काफी राहत महसूस की थी. एक बार फिर उस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है. विभाग के मुताबिक सड़क की 5 साल तक मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए 6 लाख 42 हज़ार रुपयों की राशि निर्धारित है. जिससे कि वह सड़क को दुरुस्त कराने की पहल करेगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्थाई समाधान है?

नाली निर्माण का कार्य बीच मे ही रुका: 

बताया जा रहा है कि जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि से तकरीबन 30 लाख की लागत से नाली का निर्माण होना था. लेकिन, योजना की पहली किस्त के रूप में तकरीबन 10 लाख 60 हज़ार रुपये की निकासी कर निर्माण तो कराया गया लेकिन, कार्य आधा-अधूरा ही रह गया है. बताया जा रहा है कि, अब मामला स्थानीय विधायक की अनुशंसा के नाम पर रुका हुआ है. विधायक का कहना है कि वह शीघ्र अनुशंसा भी करेंगे लेकिन, तब तक लोगों के सामने सड़क पर बह रहे गंदे पानी से भरे गड्ढे से होकर गुजरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता.

कहते हैं अधिकारी:

सड़क की टूट-फूट की जानकारी मिली है. शीघ्र ही एसडीओ से सड़क का निरीक्षण करा कर दुरुस्त कराने की कार्यवाही की जाएगी.

राम कुमार पोद्दार,
कार्यपालक अभियंता
आर डब्ल्यू डी, बक्सर











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