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पुलिस सप्ताह के दूसरे दिन घुड़सवार पुलिस के कारनामे देख लोगों ने दबाई दांतों तले अंगुलियां..

उन्होंने बताया कि अश्वरोही बल के द्वारा सुदूर ग्रामीण इलाकों खासकर दियारा क्षेत्रों में गश्त लगाने में पुलिस को काफी मदद मिलती है. उन्होंने बताया कि, राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में आरा के अश्वरोही बल के पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया गया है.

- पहली बार किया गया था अश्वरोही पुलिस घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन
- मौजूद रहे डीजीपी समेत तमाम पुलिस पदाधिकारी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: रविवार को बिहार मिलिट्री पुलिस-4 प्रांगण में अश्वरोही पुलिस बल के जवानों द्वारा घोड़े एवं घुड़सवारी का करतब दिखाए. जिसमें प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले  घुड़सवार पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया गया. आयोजन को लेकर शनिवार को ही सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी. जानकारी देते हुए बीएमपी-4 के सिपाही नितीश कुमार ने बताया कि बीएमपी द्वारा आयोजित घोड़ा रेस में पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के प्रतिनिधि के रूप में एआइजी सुशील कुमार ठाकुर, शाहबाद रेंज के डीआइजी पी.कन्नन, बक्सर एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा और आरा एमएमपी आरा के कमांडेंट सुशील कुमार सहित काफी संख्या में पुलिस अधिकारी उपस्थित रहें. इस दौरान लोगों ने अश्व रोहित पुलिस बल के करतबों को देखकर दांतों तले अंगुलियां दबा ली.

मौके पर पुलिस पत्रकारों से बात करते हुए करते हुए एआइजी ने कहा कि, बिहार पुलिस के द्वारा आयोजित पुलिस सप्ताह के दौरान पूरे सप्ताह में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस दौरान पहली बार अश्वरोही प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के निर्देश पर पुलिसिंग को और भी बेहतर तथा जन सरोकार युक्त बनाने हेतु इस तरह के आयोजन किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अश्वरोही बल के द्वारा सुदूर ग्रामीण इलाकों खासकर दियारा क्षेत्रों में गश्त लगाने में पुलिस को काफी मदद मिलती है. उन्होंने बताया कि, राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में आरा के अश्वरोही बल के पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया गया है.
आईजी सुशील कुमार ठाकुर

योगेंद्र यादव रहे प्रथम, मनोज सिंह का स्थान दूसरा:

मौके पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए एमएमपी आरा के कोच योगेंद्र यादव के घोड़े सुची ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं, द्वितीय स्थान रजनी घोड़े के साथ सिपाही मनोज कुमार सिंह ने कब्जा किया. तृतीय स्थान पर रॉकी कुमार, आफताब अहमद, मनोज कुमार, सनोज कुमार तथा हवलदार शाहनवाज खान रहे.

1919 में हुआ था अश्वारोही पुलिस बल का गठन:

बीएमपी-4 के अधिकारी ने बताया कि, अश्वरोही बल का इतिहास गौरवशाली रहा है. बिहार में 1919 में अश्वारोही पुलिस बल का गठन हुआ था. 1917 में शाहाबाद के पीरो में दंगा नियंत्रित करने के लिए हैदराबाद के निजाम से अश्वारोही बल मंगाए गए थे. इसकी उपयोगिता को देखते हुए बाद में बिहार पुलिस में भी अश्वारोही बल का गठन किया गया. इसका मुख्यालय आरा में है. अधिकारियों ने बताया कि, घोड़ा रेस में एक दर्जन से प्रशिक्षित घोड़ें बीएमपी मुख्यालय में पहुँचे और प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. 

इस दौरान बक्सर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक अरुण कुमार गुप्ता एवं डुमरांव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के. के. सिंह समेत सभी पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे.
वीडियो: 











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