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समाजसेवी मकरध्वज सिंह का निधन, शोक संवेदनाओं का तांता

रविवार की देर रात उन्होंने आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली. सोमवार को उनके पैतृक गांव बक्सर के कुलहड़िया उनका शव लाया गया. अंतिम दर्शन के बाद उन्हें बक्सर श्मशान घाट में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम विदाई दी गई.

- हिंदी दैनिक सन्मार्ग के कार्यकारी संपादक के पिता थे मकरध्वज सिंह.
- प्रखंड के हैं मूल निवासी, पटना में चल रहा था इलाज.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं समाजसेवी मकरध्वज सिंह का निधन हो गया। उनके निधन को  लोगों ने उनके निधन को राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के लिये अपूरणीय क्षति बताया है।

उनका देहावसान रविवार को पटना में इलाज के दौरान हो गया था. दरअसल, पिछले 15 दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, लेकिन शुक्रवार को अचानक श्वास लेने में दिक्कत हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. रविवार की देर रात उन्होंने आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली. सोमवार को उनके पैतृक गांव बक्सर के कुलहड़िया उनका शव लाया गया. अंतिम दर्शन के बाद उन्हें बक्सर श्मशान घाट में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम विदाई दी गई.

समाजसेवी के निधन पर कॉमर्स कॉलेज पटना के पूर्व प्राचार्य डॉ. बबन सिंह, बक्सर कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज के संस्थापक व अधिवक्ता गणपति मंडल, बक्सर के पूर्व विधायक प्रो. ह्रदय नारायण सिंह, पूर्व विधान पार्षद नंदकिशोर राम, विधान पार्षद नवलकिशोर यादव, जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. महेंद्र सिंह, राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह, अधिवक्ता मनोज ठाकुर एवं रामाशीष सिंह सहित कई राजनीतिक दलों के नेता एवं समाजसेवियों ने मकरध्वज सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है. लोगों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि स्वर्गीय मकरध्वज सिंह की गिनती अच्छे राजनीतिज्ञ एवं रणनीतिकारों में होती थी. विचारों और सामजिक समरसता के भाव से उनकी जिले में अलग ही पहचान थी. मकरध्वज सिंह के बड़े पुत्र मनोज कुमार सिंह दैनिक अखबार सन्मार्ग, पटना के कार्यकारी संपादक हैं.















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