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देशव्यापी संकट की घड़ी में मुसलमानों ने किया ऐलान, मस्जिद में नहीं घर से करेंगे खुदा की इबादत ..

इसके लक्षण तुरंत दिखाई भी नहीं देते. 10-12 दिन बाद लोगों को मालूम चलता है कि, उनके अंदर कोरोना के लक्षण है तब तक वह कई और लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं.ऐसे में घर में रहना ही सबसे उपयुक्त है. ऐसा करके हम अपने देश और अपने परिवार के लिए एक बड़ा योगदान दे सकते हैं. 

- समाज तथा देश को बचाने के लिए आगे आने की बताई जरूरत
-  कहा, देश तथा अपने परिवार की रक्षा के लिए जरूरी है कदम.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के द्वारा किए गए लॉक डाउन को देखते हुए बक्सर के मुसलमानों ने यह ऐलान किया है कि, वह घर से ही खुदा की इबादत करेंगे. सारीपुर के रहने वाले समाजसेवी तथा शांति समिति के सदस्य हामिद रजा खान ने कहा है कि, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने जिस तरह से तबाही मचाई है उसको देखते हुए सरकार की पाबंदियों का ख्याल रखते हुए इस्लाम की इंसानियत और खिदमत करने की खूबसूरती को दुनिया के सामने लाया जा सकता है और लोगों के जीवन की रक्षा में अपना योगदान दिया जा सकता है. 

साबित खिदमत फाउंडेशन संस्था के सचिव साबित रोहतासवी ने कहा है कि, इंसानियत से बढ़कर खुदा की इबादत कोई नहीं हो सकती. आज इंसानियत को बचाने की जरूरत है जिसमें सभी मुसलमान भाइयों को आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए यह मदद सबसे ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग के द्वारा की जा सकती है क्योंकि, कोरोना वायरस का एक से दूसरे के शरीर में छूने से फैलता है. इसके लक्षण तुरंत दिखाई भी नहीं देते. 10-12 दिन बाद लोगों को मालूम चलता है कि, उनके अंदर कोरोना के लक्षण है तब तक वह कई और लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं.ऐसे में घर में रहना ही सबसे उपयुक्त है. ऐसा करके हम अपने देश और अपने परिवार के लिए एक बड़ा योगदान दे सकते हैं.


मदरसा दारुल उलूम अशरफिया मुख्तारुल उलूम,बक्सर के सचिव डॉ. निसार अहमद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, गृह सचिव अजय भल्ला और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुब्हानी के आदेश पत्रांक 748 दिनांक 25 मार्च 2020 का कंडिका 9 का भारत सरकार के दिशा निर्देश को सख्ती से पालन करने का आदेश किया गया है.

कंडिका(9) सभी पैलेस ऑफ पब्लिक को बंद कर दिया जाएगा, और किसी भी धार्मिक कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी.
                
इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है की सभी धर्म के धार्मिक भावनाओं को ख्याल रखते हुए, पांचों वक्त के नमाज और जुमे की नमाज को यह ऐलान करें कि, अपने घरों में 14 अप्रैल 2020 तक पढ़ें मस्जिद के अंदर सिर्फ इमाम, मोअज्जीम, खादिम एवं इंतजामियां कम से कम लोग मस्जिद में नमाज़ के वक्त रहे आजन अपने वक्त पर हो यह सभी की जान के हिफाजत की सवाल है.

उन्होंने तमाम मुसलमानों से गुजारिश है कि, इस नियम को पालन करते हुए कोरोना वायरस संक्रमण जैसे बीमारी से महफूज रखने के लिए यह कदम उठाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा है कि, हम तमाम मुसलमान देश के संविधान पर विश्वास रखते हैं और भारत सरकार एवं बिहार सरकार के नियम का पालन करेंगे ऐसी आशा है.













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