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Buxar Top News: अधिवक्ताओं ने जलाई अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2017 की प्रतियां, कहा नहीं है विधिसम्मत |



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2017 को विवादास्पद मानने के संदर्भ में वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह संशोधन पूर्णरूपेण विधिसम्मत नहीं है तथा व्यवहारिक भी नहीं है।
श्री वर्मा के अनुसार यह कतई न्यायोचित नहीं है कि बार कौंसिल आॅफ इंडिया एवं राज्य बार कौंसिल के 50 प्रतिशत सदस्य र्निवाचित न होकर नामित होंगे और वो भी वकालत पेशे के बाहर के व्यक्ति। उन्होने कहा कि वकिलों के र्दुव्यवहार या कर्तव्यपरायणता में कमी पर ढ़ाई लाख से लेकर पांच लाख तक हर्जाना वकीलों से वसूलने का प्रावधान भी न्यायोचित नहीं है। संशोधन में दुर्व्यवहार शब्द परिभाषित भी नहीं है। उसी तरह कन्ज्यूमर कोर्ट की तरह वकीलों से भी मुवक्किल को मुआवजा दिलाने का प्रस्तावित प्रावधान भी न्यायोचित नहीं है इतना ही नहीं वकीलों के हड़ताल घोषित करने या अपने काम से हटने पर जजों द्वारा वकीलों का लाइसेंस रद्द किया जाना भी पूर्णरूपेण विवादास्पद है। वही दूसरी तरफ इन सभी मुद्दों को लेकर भाजपा अधिवक्ता मंच की बैठक महामंत्री तेजप्रताप सिंह छोटे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के बाद सभी अधिवक्ता एडवोकेट एक्ट में संशोधन कर प्रतियां जलाई। इस दौरान डा. कमोद प्रसाद सिंह, विशाल कुमार, जन्मेजय सिंह, राजीव कुमार राय, सुनील कुमार, अनिल कुमार सिंह, रामशीष यादव, शिवजी सिंह, अरूण कुमार सिंह, मंगल प्रताप सिंह, गोविन्द सिंह, अमरेन्द्र सिंह, ब्रहमेश्वर सिंह समेत अनेको अधिवक्ता शामिल रहे।



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