Buxar Top News: विश्वविद्यालय परिसरों को विमर्श का केन्द्र होना चाहिए - श्री प्रकाश शुक्ल |
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ऐप्सो, प्रलेस तथा एआईएसएफ के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को जिला कार्यालय में चर्चित कवि श्रीप्रकाश शुक्ल का कविता पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होने अपनी कई मसलन ‘‘ओरहन, पूंछ, मखरौरी, परती जमीन, अपना गांव, फकत बाढ़, मोबाईल, लड्डू, कलंगूट, देश के प्रधानमंत्री के नाम’’ जैसी कविताओं का पाठ किया।
कविता पाठ के दौरान उन्होने कहा कि कविता दरअसल क्रूरता का प्रतिपक्ष है और मनुष्यता के पक्ष में एक रचनात्मक उपस्थिति भी भयानक शोर के इस समय में खामोशी से संवाद वाली कविता अपने समय कों और समाज को गढ़ रही है आज के दौर के लघुमानव और दीर्घमानव दोनों को बदल रही है कविता पाठ के दौरान कुमार नयन, दीपक कुमार राय, बिमल कुमार सिंह, शशांक शेखर, सरिता, वंदना एवं प्रभात के सवालों के जबाब में ‘परिचय’ पत्रिका के सम्पादक एवं बीएचयू के प्रो. शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों को विमर्श का केन्द्र होना चाहिए राजनीति जबतक आम आदमी के जीवन का दशा एवं दिशा तय करती रहेगी कविता उस पर टिप्पणी करती रहेगी और कोई कविता अराजनीतिक कविता नहीं होती। हम बनारस से आते है जो भौगोलिक दृष्टि से गंगा के तट पर है लेकिन सांस्कृतिक पर्यावरण के लिहाज से गंगा जमनी तहजीब के ही वाहक है बक्सर और बनारस के सेक्षिक सांस्कृतिक संबंधो पर भी उन्होने लम्बी तकरीर की। मौके पर वरिय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा, सिद्धेश्वरानन्द बक्सरी, पूर्व सांसद नागेन्द्रनाथ ओझा, अजय मिश्रा, राजेश शर्मा, अंकित सिंह, हरेराम, रामाधार सिंह, किरण राज, नूतन, वंदना राय, संजीव अग्रवाल, श्रीकृष्ण चौबे, अमन, क्षितिज, रागिनी, अनन्या, खुर्शीद, वैदहीशरण श्रीवास्तव समेत अनेको कवि, साहित्यकार मौजूद रहे।
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