BuxarTopNews: मिट्टी के पोषण व स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखें तो ज्यादा लाभ मिलेगा-डा. जे.एस. मिश्रा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिलें के चैसा प्रखंड अन्तर्गत राजापुर गाँव में कृषि विज्ञान केन्द एवं सीसा परियोजना के सौजन्य से जीरो टीलेज तकनीकी द्वारा गेहँू की अगेती बुआई की सार्वजनिक कटाई एवं उत्पादन आंकलन विषय पर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना कार्यालय के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख (फसल अनुसंधान प्रभाग), डाॅ0 जे. एस. मिश्रा थे।
गेहूॅ की कटाई के दौरान श्री मिश्रा ने किसानों को जीरो टीलेज से बुआई करके लागत में कमी एवं उत्पादन बढ़ाने के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होने यह बताया कि अगर किसान पूरें धान-गेहँू चक्र को ध्यान में रखकर खेती करे तथा मिट्टी के पोषण व स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखें तो ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं। खेती में ज्यादा उत्पादन के लिए मशीनों का उपयोग करना लाभदायक सिद्ध हो रहा हैं। उक्त गाँव में इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्र व सीसा परियोजना ने मिलकर प्रदर्शन किये थे जिसमें गेहँू की अगेती बुआई जीरो टीलेज के द्वारा की गई थी। गेहँू की एच.डी.-2967 प्रजाति को 29 अक्टूबर को जीरो टीलेज द्वारा बुआई किया गया था तथा कटाई करने पर गेहँू की उपज 26.0 क्विंटल/एकड़ प्राप्त की गई। जिसकों देखकर अन्य किसान भी आकर्षित हुए एवं यह निश्चय किये कि अगले वर्ष वे भी तकनीकी रूप से सुदृढ़ होकर गेहँू की खेती जीरो टीलेज के द्वारा करेंगे। सीसा परियोजना के प्रमुख समन्वयक डाॅ0 शीशपाल पुनिया ने तकनीकी को अपनाकर किसानों की आमदनी दौगुनी करने के बारे में विस्तार से बताया। कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर के विषय वस्तु विशेषज्ञ एवं सीसा परियोजना के बक्सर जिलें के प्रधान अन्वेषक डाॅ0 मान्धाता सिंह ने किसानों को खेत में ले जाकर फसल को दिखाया तथा तकनीकी जानकारी दी। सीसा परियोजना के डाॅ0 दीपक एवं डाॅ0 गोपाल पाण्डेय ने किसानों को जीरो टीलेज मशीन के प्रयोग के तरीके तथा बीज व खाद की गणना आदि के बारे में जानकारी दी। वीर कँुवर सिंह कृषि महाविद्यालय, डूमरांव के डाॅ0 ए0 के0 जैन व डाॅ0 बी0 के0 सिंह ने बताया कि मौसम में बदलाव को देखते हुए यदि जीरो टीलेज के द्वारा खेती को बढ़ावा दिया जाये तो लागत में कमी के साथ-साथ ईंधन की बचत, खेत में लगनेवाली पानी की बचत तथा श्रम की बचत कर सकते हैं। जीविका परियोजना के श्री संजय कुमार पटेल ने गेहँू की कटाई के उपरांत खेत को परती न छोड़कर उसमें उर्द व मूँग लगाने के बारे में बताया। मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी मो0 अफरोज सुल्तान ने किसान बंधुओं को मिट्टी के नमुने लेने एवं मिट्टी जाँच की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं “फाॅर्म एवं फार्मस” कंपनी के अधिकारी सहित 100 की संख्या में किसान बंधु जिनमे श्री कपीलदेव उपाध्याय, श्री राहूल राय, श्री अनंत अभिनव, श्री धनंजय राय, आदि शामील हुए।
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