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Buxar Top Buxar: बच के रहना: यहाँ इलाज कराया तो होगा मौत से सीधा साक्षात्कार ...



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहने को तो सदर अस्पताल की स्थापना रोगियों को नि:शुल्क और बेहतरीन चिकित्सा प्रदान कर उनके बहुमूल्य जीवन की रक्षा के लिए की गयी है, मगर बक्सर सदर में इस बात की कल्पना भी बेमानी है | 
एक ओर जहाँ कई दिनों से सदर अस्पताल में जीवनरक्षक दवाओं का आभाव लगातार चल रहा है वहीँ अब साफ़ सफाई तथा विधि व्यवस्था की घोर लापरवाही के कारण यहाँ इलाज कराने आये रोगियों की मौत का टिकट पक्का माना जा रहा है |

बक्सर के जागरूक युवाओं की एक टोली बुधवार को जब सदर अस्पताल पहुंची तो कई रोंगटे खड़े करने वाले सच सामने आये | एक ओर जहाँ दवाएं पूर्व से ही नहीं उपलब्ध हैं वहीँ रोगियों के सोने के लिए बेड भी मयस्सर नहीं है | रोगी घर से बेडशीट तथा बेड लेकर आते हैं | दूसरी तरफ प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावे भी खोखले नज़र आ रहे हैं | शाम होते ही जेनरेटर की सेवा बंद कर दी जाती है | जो कि तब तक नहीं शुरू होती है जब तक कोई शिकायत नहीं की जाए | ऐसे में आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि रोगियों का इलाज अँधेरे में कर कैसे मौत को दावत दी जा रही होगी | रोगियों के लिए बनाए जा रहे भोजन में भी बिजली नहीं रहने के कारण कीड़े मकौड़े गिरने का ख़तरा बना रहता है | खाना बना रही कर्मी ने बताया कि यह रोज का हाल है शाम के समय बिजली यहाँ ऐसे ही काट दी जाती है | युवकों ने जब
जेनरेटर संचालक को ढूँढने की कोशिश की तो वह गायब मिले | वहीँ इलाज करे रहे रोगी ने बताया कि पिछले 7 दिनों से कोई चिकित्सक उनसे मिलने नहीं आये | युवकों ने जब अस्पताल प्रबंधक से बात करनी चाही तो हर बार भांति इस बार भी अस्पताल प्रबंधक ने फ़ोन उठाने की जहमत नहीं की |
सदर अस्पताल पहुंचने वालों में शुभम उपाध्याय, राहुल राज, रवि भारद्वाज, डी गुडाकेश, रविन्द्र राय, एस के सिंह शंभु सिंह, रवि ठाकुर, शामिल थे।

सदर अस्पताल की घोर लापरवाहियों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सदर अस्पताल में में इलाज करवाने का मतलब मौत से सीधा साक्षात्कार करने का उपाय है | 





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