Buxar Top News: फ़िर जल उठी स्वच्छता की मशाल, जिलाधिकारी ने कहा 15 नवंबर तक हर हाल में खुले में शौचमुक्त होगा जिला, नहीं होने दी जाएगी पैसों की कमी..
- शीघ्र होगा प्रोत्साहन राशि का भुगतान.
- शौचालय के लिए दी जाएगी घर-घर दस्तक.
- स्वच्छता संग्राम में बच्चों की भी होगी विशेष भूमिका.
- आखिर क्यों नहीं बन रहे हैं शौचालय, तलाशी जाएगी वजह.
- हठी लोगों के नाम किए जाएंगे सार्वजनिक, वार्डों में लगेंगे बोर्ड.
- नहीं होने दी जाएगी पैसे की कमी, मुखिया जी दिलाएंगे उधार.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पूर्व जिलाधिकारी रमण कुमार के स्थानांतरण के बाद स्वच्छता संग्राम के मशाल को नए जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने एक बार फ़िर प्रज्ज्वलित किया है. मंगलवार को स्वच्छता संग्राम के अंतर्गत जिले को खुले में शौचमुक्त किए जाने के लिए पंचायत स्तरीय नोडल पदाधिकारियों जिलाधिकारी ने बैठक की। बैठक में उन्होंने ने सबसे पहले ओडीएफ हो चुके वार्डो की जानकारी प्राप्त की साथ ही कहा कि 15 नवंबर तक जिले को पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त बना लेना है. जिलाधिकारी ने इसके लिए निगरानी समिति के गठन पर जोर दिया।
उन्होंने ने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि जिन वार्डों में शौचालय का निर्माण हो चुका है वहां की जांच कर शत प्रतिशत भुगतान का सुनिश्चित करें. डीएम ने कहा कि अगली बैठक तक इसका भुगतान हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि की प्राप्ति से अन्य लोगों में भी इसके प्रति जागरूकता आएगी। मौके पर डीडीसी के साथ सभी प्रखंड एवं पंचायत स्तर के नोडल पदाधिकारी मौजूद थे.
बैठक में वार्डों में पुरुषों की निगरानी समिति के अलावा महिलाओं की निगरानी समिति बनाने पर भी जोर दिया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाएं व्हिसल बजाकर बाहर शौच को जाने वाली महिलाओं को सावधान कर सकती हैं. उन्होंने बताया कि निगरानी समिति की भूमिका यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि निगरानी समिति सप्ताह में तीन दिन चौपाल तथा तीन दिन घर-घर दस्तक देकर शौचालय बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगी.
जिले को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए पुरुष व महिलाओं की निगरानी समिति तो हर वार्ड में बनाई ही जा रही है। इसके अलावा बच्चों की बानरी सेना भी बनाई जाएगी। यह बानरी सेना खुले में शौच जाने वाले लोगों को अपने तरीके से जागृत करने का काम करेगी। डीएम ने कहा कि निगरानी के लिए जो भी समिति बनाई जा रही है उसमें एक व्यक्ति नोडल होगा, जो सभी सदस्यों को बुलाकर कार्य कराएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि निगरानी समिति के द्वारा इस बात का पता लगावाया जाए कि जिन घरों में आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है, वहां उसके निर्माण नहीं होने की वजह क्या है। लोगों के पास जमीन रहने के बाद भी वे क्यों नहीं शौचालय बनवा रहे हैं और बाहर शौच के लिए क्यों जा रहे हैं। डीएम ने ऐसे लोगों की सूची बनाने का भी निर्देश दिया है।
डीएम ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हठ कर रहा है तो उसके नाम का एक बोर्ड वार्ड में लगाया जाएगा। जिसमें लिखा रहेगा कि संबंधित व्यक्ति अपनी बहु-बेटियों को घर से बाहर ही शौच कराना चाहता है। लोक लज्जा की उसे कोई समझ नहीं है। बाहर शौच से होने वाली बीमारियों से भी उसको कोई लेना देना नहीं है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास पैसा नहीं है पर शौचालय बनाने के लिए जमीन है तो उसको पैसे के इंतजाम कराया जाए। मुखिया उसको उधार में ईंट-बालू आदि की व्यवस्था करवाएंगे। राशि मिलने पर संबंधित व्यक्ति उधार का पैसा वापस कर देगा। डीएम ने कहा कि ऐसे व्यक्ति की भी तलाश करनी है जिसके पास घर बनाने के बाद जगह नहीं है।
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