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Buxar Top News: गोलम्बर हत्याकाण्ड में मुख्य आरोपी रितेश सिंह ने किया न्यायालय में आत्म समर्पण ..


  • -    अधिवक्ता पुत्र मामले में नामजद आरोपी है रीतेश यादव.
  • -    घटना के बाद से ही था फ़रार. 
  • -पुलिस कि दबिश के करण किया आत्मसमर्पण     

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गोलंबर के समीप पिछले दिनों हुई युवक की हत्या मामले में जहाँ एक ओर पुलिस सरगर्मी से नामजद अभियुक्त कि तलाश कर रही थी वहीँ पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के घर की कुर्की जप्ती के लिए भी न्यायालय से आदेश मिलने वाला था. इसी सब के बीच मुख्य आरोपी ने गुरुवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.


इस बाबत एएसपी शैशव यादव ने बताया कि हत्याकांड के फ़रार नामजद अभियुक्त की तलाश में पुलिस उसके संभावित ठिकानों की छापेमारी कर रही थी. इसी बीच आरोपी के घर की कुर्की के लिए आदेश देने को भी न्यायालय में अनुरोध किया जा चुका था जिसके मिलते ही आदेश का अनुपालन करते हुए कुर्की वारंट का अनुपालन कराया जाना था. तभी पुलिसिया दबाव के कारण बुधवार को उसने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. 



ज्ञात हो कि पिछले शनिवार को नगर से सटे औद्योगिक क्षेत्र थाना से महज चंद दूरी पर एक युवक को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया। युवक व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संतोष कुमार दूबे का 19 वर्षीय पुत्र गोपाल दूबे था. हत्या के बाद गुस्साएं लोगों ने गोलंबर के पास सड़क पर शव रखकर यातायात अवरूद्ध कर दिया। इस दौरान शरारती तत्वों ने जमकर बवाल भी काटा। लोग हाथों में डंडा लेकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। बाद में मौके पर पहुँच एसपी ने स्थिति को नियंत्रित किया | 


मामले में युवक के  घटना में मृतक के भाई गोविन्द दूबे के द्वारा सारिमपुर निवासी रितेश सिंह समेत छह अज्ञात लोगों के खिलाफ मुफ्फसिल थाने में काण्ड संख्या 214/17 के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही रितेश के संभावित ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की. लेकिन वह फ़रार हो गया. बाद में उसने फेसबुक पर सफाई दी थी कि वह इस हत्या में नहीं शामिल है. हालांकि, एसपी राकेश कुमार ने विगत दिनों आयोजित एक प्रेस वार्ता में फेसबुक पर दी गयी सफाई के बारे में बताया गया जिसमें रितेश ने कहा है कि वह हत्याकाण्ड में नहीं शामिल है तो उन्होंने कहा था कि यह अनुसंधान का विषय है कि हत्या में कौन शामिल है, 

बहरहाल, फ़रार अपराधी की गिरफ्तारी के बाद गोपाल हत्याकाण्ड के कई अनसुलझे राज खुलने की सम्भावना जताई जा रही है.











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