Buxar Top News: मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, यहाँ हिन्दू और मुस्लिम एक साथ करते हैं रामलीला का मंचन ..
उमरपुर पंचायत के नाट गांव जहां पर हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के लोग हर साल मिलकर रामलीला का मंचन करते हैं।
- किया गया चार दिवसीय रामलीला समारोह का आयोजन.
- पचास वर्षों से चल रही है परम्परा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक ओर जहां छोटी-छोटी बातों पर सांप्रदायिक तनाव हो जाता है। वहीं, समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो बिना किसी प्रचार के एकता एवं सौहार्द की मिसाल को कायम रखे हैं। जिले से लगभग दस किमी की दूरी पर स्थित उमरपुर पंचायत के नाट गांव जहां पर हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के लोग हर साल मिलकर रामलीला का मंचन करते हैं। ये वो लोग हैं जो मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर ना करने की सोच रखते हैं। इस पूजा समिति के सक्रिय सदस्यों में कई मुसलमान भी हैं। ये नवरात्र शुरू होने से लेकर प्रतिमा विसर्जन तक अपनी जिम्मेदारियों को बड़े उत्साह से निभाते हैं।
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी दुर्गापूजा समिति ग्राम नाट द्वारा 4 दिवसीय रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सदर (बक्सर) मुखिया संघ के अध्यक्ष विरेन्द्र राय उर्फ ललक राय, भूतपूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष रामनाथ सिंह एवं सरपंच संतोष मिश्रा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि उमरपुर मुखिया विरेन्द्र राय उर्फ ललक राय ने कहा कि विभिन्न समुदाय के स्थानीय लोग इसके मिसाल हैं तथा समाज को आइना दिखाने का कार्य कर रहे हैं, कैसे आपसी सौहार्द बनाये रखना चाहिए इसकी सिख देते हैं।
इस बाबत समिति के निदेशक रामजी राय ने बताया कि आज से लगभग पचास वर्षो पूर्व जब गांव में दशहरा पर्व का आयोजन आरंभ किया गया। उसी समय से मुस्लिम भाई बढ़़-चढ़़कर हिस्सा लेते हैं। यहीं नहीं, पूजा के दौरान आयोजित रामलीला में हिन्दू एवं मुस्लिम समाज के लोग मिलकर रामलीला के किरदार को बखूबी निभाते है। वर्तमान में अध्यक्ष श्रीकृष्णा राय उर्फ बच्चा राय हैं तो वही जुमराती मियां पूजा समिति के उपाध्यक्ष हैं। इस बाबत श्री राय बताते हैं कि नवरात्र शुरू होने से विसर्जन तक मुस्लिम भाइयों का सक्रिय सहयोग मिलता है। वहीं, जुमराती मियां कहते हैं कि हर मजहब एक दूसरे के साथ प्यार एवं भाईचारे का रिश्ता कायम करने का पैगाम देता है।
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