Buxar Top News: उर्वरक के स्टॉक में अब नहीं हो सकेगी हेरफेर, पॉइंट ऑफ़ सेल(POS) मशीन से होगी बिक्री, जिलाधिकारी ने किया उदघाटन ..
यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रूक जाएगी.
- पहली जनवरी से पीओएस मशीन द्वारा ही होगी उर्वरक की बिक्री.
- आधार कार्ड ले जाकर किसान कर सकेंगे खरीददारी.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड स्थित बिस्कोमान केंद्र में दिन सोमवार को उर्वरक बिक्री में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर योजना अंतर्गत 01 जनवरी से आधार कार्ड के माध्यम से पौस मशीन के द्वारा उर्वरक बिक्री की शुरुआत जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा की गई. उदघाटन के मौके जिला के ने कहा कि पौस मशीन में मोबाइल फ़र्टिलाइज़र मोनिटरिंग सिस्टम अंतर्गत उर्वरक के स्टॉक में हेराफेरी अब संभव नहीं होगा. जिससे उर्वरक की कालाबाजारी पर लगाम लग जायेगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि उर्वरक पौस मशीन के माध्यम से सब्सिडी रेट पर ही मिलेगा.
जिला कृषि पदाधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि वर्तमान यूरिया 295 रूपये तथा डी ए पी एक हजार साथ रूपये पचास किलोग्राम के बैग में इफ्फको, बिस्कोमान, व्यापर मंडल तथा पैक्स में उपलब्ध है जहा से कृषक अपनी आवश्यकतानुसार आधार कार्ड ले जाकर पौस मशीन के माध्यम से क्रय कर सकते है. उन्होंने कहा कि पौस मशीन से अंगूठा लगाकर उर्वरक का क्रय कर पौस मशीन से निर्गत बिल अवश्य ले. उन्होंने आश्वस्त किया कि आगामी पाच जनवरी तक बाईस सौ मेट्रिक टन यूरिया जिले में आ जाएगी. अब राशन की दुकानों की तरह ही उर्वरक की दुकानों पर भी पीओएस मशीन लगायी जा रहीं हैं, जिसे किसानों के आधार कार्ड को जोड़ा रहा है। जिससे किसान का पूरा डाटा रहेगा कि किसाने कितना उर्वरक लिया है, इससे धांधली नहीं हो पाएगी.
इफ्फको के क्षेत्रीय प्रबंधक विनय सिंह ने बताया कि अभी तक ये होता था कि बिहार के लिए उर्वरक आता था और पता चलता था कि बिचौलियों के माध्यम से दूसरे प्रदेशों तक पहुंच जाता क्योंकि कोई मानक नहीं था. लेकिन इस योजना से किसानों को ही लाभ होगा, क्योंकि ये आधार से जोड़ा जा रहा है.
किसानों को दी जा रही है जानकारी:
जिले में कुल छः सौउर्वरक की दुकानें हैं जहां पर पीओएस मशीनें लगाईं जा रहीं हैं और दुकान संचालकों पीओएस मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके लिए उवर्रक कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस उपलब्ध कराएं. प्रदेश में इफको को ये जिम्मेदारी दी गई है.
फर्टिलाइजर्स मैनेजमेन्ट सिस्टम (एफएमएस) में पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं की संख्या के आधार पर ही पीओएस मशीन की संख्या का निर्धारण किया गया है. उसी के अनुसार पीओएस मशीन के स्थापना के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं.
मौके पर परियोजना निदेशक देवनंदन राम. अनुमंडल पदाधिकारी गौतम कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शैशव यादव, बिस्कोमान प्रभारी आशीष रंजन, अत्माकर्मी चन्दन कुमार सिंह अनेक कृषक मौके पर उपस्थित रहे.
क्या है पीओएस मशीन:
पीओएस मशीन को पाइंट ऑफ सेल मशीन कहा जाता है. यह मशीन ऑन लाइन सिस्टम से जुड़ी होती है. मशीन को ऑपरेट करने के लिए उर्वरक विक्रेताओ को लॉग इन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा. हर दुकान का एक अलग पास वर्ड व आईडी होगी. इस मशीन को वही ऑपरेट कर पाएगा जिसके पास पासवर्ड होगा
उर्वरक लेने गए किसान का सबसे पहले उसके अंगूठे का निशान लिया जाएगा. इस निशान की स्केनिंग मशीन अपने पास उपलब्ध डाटा से मैच करेगी. यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रूक जाएगी.
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