Buxar Top News: जुबां पर आयी दिल की बात, स्वर्गीय लालमुनि चौबे की जयंती के बहाने सांसद पर सीधा प्रहार, मंच से बोले परशुराम- अंगद का पैर तो कभी टूटा ही नहीं !
उल्लेखनीय है कि रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में कहीं भी यह नहीं देखने को मिलता है कि अंगद का पांव टूट गया हो.
- साथी कार्यकर्ताओं ने बताया, परिवारवाद से सदैव दूर रहे स्वर्गीय चौबे.
- पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम,शामिल होंगे राष्ट्रीय नेता.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वर्गीय लालमुनि चौबे की जयंती समारोह नगर के स्थानीय रामलीला मंच पर आयोजित किया गया. जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुखिया और चौबे जी के साथी रहे झूलन दुबे एवं मंच का संचालन भाजपा के वरिष्ठ नेता राजवंश सिंह ने किया. इस दौरान बक्सर सांसद से नाराज़ चल रहे परशुराम चतुर्वेदी ने सांसद अश्विनी कुमार चौबे को निशाने पर ले लिया.
परशुराम चतुर्वेदी ने कहा कि स्वर्गीय चौबे एक राजनीतिक संत थे, जिसका भाव उनके हर कार्य में झलकता था.वह केवल नाम के ही संत नहीं थे बल्कि अपने जीवन में भी उन्होंने संत जीवन को उतार लिया था.
इसी दौरान श्री चतुर्वेदी ने कहा कि स्वर्गीय लालमुनि चौबे अटल जी की सेना में अंगद की तरह थे. इसके बाद बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि, "लेकिन यह यह उल्लेखनीय है कि रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में कहीं भी यह नहीं देखने को मिलता है कि अंगद का पांव टूट गया हो." हालांकि, इस दौरान उन्होंने कहीं भी सांसद का नाम नहीं लिया लेकिन उनका यह बयान ही सब कुछ बताने के लिए काफी था.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नेता रामकुमार सिंह ने कहा कि स्वर्गीय चौबे जी के साथ काम करने में अपनत्व का भाव पैदा होता था. क्योंकि उनके आगे पीछे केवल कार्यकर्ता ही रहते थे. परिवार के किसी सदस्य को उनके संसदीय जीवन में दूर दूर तक कोई संबंध नहीं था.
सभा को संबोधित करते हुए राजपुर से विधानसभा प्रत्याशी रहे विश्वनाथ राम ने कहा कि स्वर्गीय चौबे अपने पूरे राजनीतिक जीवन में भाई-भतीजावाद एवं परिवारवाद से दूर रहे और बक्सर संसदीय क्षेत्र की जनता के रोम रोम में बसते रहे. इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा स्वर्गीय लालमुनि चौबे के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण से प्रारंभ हुआ. कार्यक्रम के अंत में तथा वंदे मातरम का गायन करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया. कार्यक्रम के अंत में मकर संक्रांति के अवसर पर तिलकुट के साथ-साथ भोज कराया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिशिर कुमार चौबे,अशोक कुमार सिंह, केदारनाथ तिवारी, राजीव रंजन सिंह, भीम प्रकाश भुवन, नंदजी सिंह, पिंटू चौबे, हिमांशु चतुर्वेदी, कविंद्र दुबे, संत सिंह, मिठाई सिंह, सुशील राय, रामविनोद राम, विश्वजीत सिंह, शेषनाग पाठक, बलराम पांडेय, अशोक तिवारी, छविनाथ त्रिपाठी, राजाराम पांडेय, बृजराज श्रीवास्तव, जनार्दन राम, ब्रह्मानंद यादव, निक्कू तिवारी, मनोज सिंह, मनोज कुमार सिंह, अशोक पासवान, श्याम नारायण पाठक, मोहन चौधरी, सुनील ओझा, रोहित ओझा, शिवजी चौबे समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
इसके साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी 25 मार्च को स्वर्गीय चौबे की दूसरी पुण्यतिथि भव्य रुप से मनाई जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के राजनेता बुद्धिजीवी चिंतक और समाजसेवी भाग लेंगे.
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