Header Ads

Buxar Top News: अदूरदर्शिता और सत्तालिप्सा के कारण देश अराजक मोड़ पर - जनसंघ.



आरक्षण से वंचित वर्गों का उन्नयन तो हुआ नहीं उल्टे देश में अलग-अलग वर्ग आरक्षण के नाम पर उग्र आंदोलन करने लगे हैं.

- एससी-एसटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त कर सरकार ने की है गलती.

- आजादी के 71 सालों के बाद भी वंचितों को नहीं मिल रहा है उनका हक.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने बक्सर संसदीय क्षेत्र के सदर, डुमरांव और ब्रह्मपुर प्रखंडों का भ्रमण किया. उन्होंने कहा कि राजनीति देश की एकता-अखंडता और सुरक्षा तथा समाज की सेवा का माध्यम है. आजकल इसे सत्ता-सुविधा का माध्यम बनाया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुत्व और सबको न्याय के नाम पर सत्ता मिली थी किंतु उसके नेताओं की दिशाहीनता के कारण आज समाज में असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया है. शाहबानो प्रकरण में जो गलती राजीव गांधी की सरकार ने की थी वही गलती नरेन्द्र मोदी ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारक अधिनियम में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दोहराया है. जनसंघ इस तरह के अदूरदर्शी और न्यायविरोधी आचरण का विरोध करता है और इस संदर्भ में संसद् से पारित संशोधन को अविलंब वापस लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पुनर्बहाल करने की मांग करता है. जनसंघ अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के 71वर्ष बाद भी वंचित वर्गों की स्थिति दयनीय बनी हुई है और आरक्षण का लाभ कुछ गिने-चुने लोग ही उठा रहे हैं. आरक्षण से वंचित वर्गों का उन्नयन तो हुआ नहीं उल्टे देश में अलग-अलग वर्ग आरक्षण के नाम पर उग्र आंदोलन करने लगे हैं. तथाकथित दलित नेताओं रामविलास पासवान और रामदास अठावले ने सवर्णों को आरक्षण देने की मांग उठा कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. जनसंघ डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेदकर के आर पी आई के घोषणापत्र में आरक्षण दस वर्षों के बाद समाप्त करने की भावना का समर्थन करता है और सभी गरीबों को रहने, खाने-पीने और पढने की उत्तम व्यवस्था करने और उन्हें स्वावलंबी करने की मांग करता है. आरक्षण आज समाज को विघटित करनेवाला और जातीय राजनीति को बढावा देकर देश को कमजोर करनेवाला हथकंडा बन गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार में विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और वसूली के खेल तथा बढ रही आपराधिक घटनाओं पर नीतीश सरकार को सावधान किया.


















No comments