मौसम बदलते ही दियारे में बज गई खतरे की घंटी ..
घटना होने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारियों को आग को काबू में करने के लिए जब कॉल किया जाता है तो अनुमंडल से अग्निशामक के चक्की पहुँचने से पहले ही झोपड़ीनुमा मकान व पशु जलकर राख में तब्दील हो जाते हैं
- अग्निशमन की समस्या से जूझ रहे चक्की दियारा के ग्रामीण.
- हर वर्ष लाखों की संपत्ति का होता है अग्निकांड से नुकसान.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: तपती गर्मी के मौसम में प्रखंड क्षेत्र के इलाके में प्रत्येक वर्ष अगलगी की घटनाओं से त्रस्त दियारावासियों की आग बुझाने की समस्या एक अनसुलझी कहानी की तरह साबित होने लगी है. ग्रामीण बताते हैं कि चक्की प्रखंड क्षेत्र के इलाके में प्रत्येक वर्ष सैकड़ों झोपड़ीनुमा मकान आग की गोद में समा जाते हैं. लेकिन सरकार द्वारा इस परेशानी को लेकर कोई विशेष पहल नहीं किया जाना ग्रामीणों की परेशानी का सबब बना हुआ है.
चक्की के चार पंचायत अरख, चक्की, चंदा तथा जवही दीयर की कुल आबादी लगभग सवा लाख है, वहीं मतदाता तकरीबन 35 हज़ार हैं, परंतु भीषण अगलगी की समस्याओं के ऊपर सरकार का बिल्कुल ही ध्यान नहीं है. बताया जाता है कि इन इलाकों में अग्निशामक की अनुपलब्धता के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. दरअसल, अग्निशामक डुमराँव अनुमंडल से मंगाना पड़ता है. अगलगी की घटना होने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारियों को आग को काबू में करने के लिए जब कॉल किया जाता है तो अनुमंडल से अग्निशामक के चक्की पहुँचने से पहले ही झोपड़ीनुमा मकान व पशु जलकर राख में तब्दील हो जाते हैं. ऐसे में चापानल तथा बोरिंग वगैरह से ग्रामीण आग को काबू में करने की कोशिश करते है. हालांकि, यह भीषण आग पर काबू पाने का प्रभावी तरीका साबित नहीं होता. ऐसे में आग पर काबू पाना ग्रामीणों के बस के बाहर की बात होती है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मौसम बदलते हैं दियारे में खतरे की घंटी बज गई है. मुखिया संघ के अध्यक्ष अजीत राय, चंदा मुखिया धनराज यादव, अरख मुखिया मालती देवी, जवही दीयर मुखिया उर्मिला देवी ने बताया की अंचलाधिकारी से अग्निशमन की समस्या से निजात दिलाते हुए उनसे अग्निशामक की मांग की गई है.
समस्या को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी हरेंद्र राम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया की 400 लीटर की छोटी अग्निशमन वाहन ब्रह्मपुर, सिमरी और दो अन्य प्रखंडों में दी गई है, लेकिन दियारे इलाके की समस्या को लेकर चक्की प्रखंड में अग्निशमन दिए जाने की बात जिलाधिकारी से की जा रही है. शीघ्र ही इस समस्या का कोई निदान निकाल लिया जाएगा.
- सुंदरलाल की रिपोर्ट
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