नव संवत्सराम्भ के साथ हुई वासंतिक नवरात्र की शुरुआत, चुनावी समर में विजय का आशीर्वाद पाने देवी दरबार में पहुँचे प्रत्याशी ..
नवरात्रि के प्रथम दिन देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही इस दौरान आम श्रद्धालुओं ने जहां परिवार तथा परिजनों के लिए भगवती से मंगलकामना की, वहीं चुनावी समर में उतरे प्रत्याशियों ने देवी भगवती से चुनाव में विजय का आशीर्वाद माँगा.
विनोद चौबे निर्दलीय प्रत्याशी |
- देवी स्थानों पर उमड़ी भक्तों की भीड़.
- 13 को मनाई जाएगी रामनवमी.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: संवत्सराम्भ एवं पक्षारम्भ के साथ ही शनिवार को वासन्तिक नवरात्र की शुरुआत हो गयी. नवरात्र के पहले दिन माँ भगवती की विशेष पूजा-अर्चना को लेकर देवी स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सीमावर्ती राज्य में मंगला भवानी मंदिर, माँ कामाख्या मंदिर के साथ ही विंध्यांचल मंदिर में श्रद्धालु भक्तों का ताँता लगा रहा. चुनावी समर में उतरे प्रत्याशी विजय की कामना लिए मंदिरों में मत्था टेकते देखे गए.
प्रत्येक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आते हैं, लेकिन चैत्र और आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चलने वाले नवरात्र ही ज्यादा लोकप्रिय हैं जिन्हें पूरे देश में व्यापक स्तर पर मां भगवती की आराधना के लिये श्रेष्ठ माना जाता है. धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रों का समय बहुत ही भाग्यशाली बताया गया है. इसका एक कारण यह भी है कि प्रकृति में इस समय हर और नये जीवन का, एक नई उम्मीद का बीज अंकुरित होने लगता है. जनमानस में भी एक नई उर्जा का संचार हो रहा होता है. लहलहाती फसलों से उम्मीदें जुड़ी होती हैं. सूर्य अपने उत्तरायण की गति में होते है. ऐसे समय में मां भगवती की पूजा कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करना बहुत शुभ माना गया है. क्योंकि बसंत ऋतु अपने चरम पर होती है इसलिये इन्हें वासंती नवरात्र भी कहा जाता है. नवरात्र के समय जहां मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है वहीं चैत्र नवरात्र के दौरान मां की पूजा के साथ-साथ अपने-अपने कुल देवी-देवताओं की भी पूजा अर्चना की जाती है जिससे ये नवरात्र विशेष हो जाता है.
चैत्र नवरात्र 2019 का शुभ मुहूर्त्त:
पंडित सर्वेश चतुर्वेदी के अनुसार वर्ष 2019 में चैत्र नवरात्र 06 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल 2019 दिन रविवार को प्रातः 6 बजे तक नवमी तत्पश्चात दशमी तिथि तक होगा. संवत्सराम्भ एवं पक्षारम्भ 6 अप्रैल 2019 दिन शनिवार को ही प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से दोपहर 02:58 बजे तक होगा. 06 अप्रैल से ही वासन्तिक नवरात्र की शुरुआत होगी. 05 अप्रैल दिन शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 36 मिनट पर प्रतिपदा तिथि लग रही है जो अगले दिन 6 अप्रैल को दोपहर 02:58 बजे तक रहेगी, इसके बाद द्वितीया तिथि लग जायेगी. अतः उदया तिथि के कारण नवरात्र का आरम्भ 06अप्रैल दिन शनिवार से ही माना जायेगा. धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश स्थापना प्रतिपदा को अर्थात पहले दिन किया जाएगा.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
लाभ एवं अमृत चौघड़िया तथा शुभ अभिजीत मुहुर्त्त में किया जाना अति उत्तम होता है. इस वर्ष प्रातःकाल 07:20 बजे से 08:53 बजे तक शुभ चौघड़िया में सर्वोत्तम है. यदि किसी कारण नही कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त्त एवं मध्यान्ह 11:30 से 12:18 बजे तक किया जाना उत्तम होगा. वैसे इस वर्ष घटस्थापना सुबह सूर्योदय से दोपहर 02:58 से पूर्व प्रतिपदा तिथि में किया जा सकता है.
13 को होगी रामनवमी:
इस प्रकार प्रतिपदा 6 अप्रैल 2019 को सूर्योदय 5 बजकर 47 मिनट से शुरु होगी. जो 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह दिन में 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि होगी उसके बाद नवमी तिथि लग जायेगा. 13 अप्रैल दिन शनिवार को महानवमी का व्रत होगा क्योंकि 13 अप्रैल को सुबह 08:16 बजे के बाद ही नवमी तिथि लग जायेगी जो 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ही विद्यमान रहेगी अतः नवमी तिथि में ही नवरात्र सम्बंधित हवन -पूजन 14अप्रैल को प्रातः 06:00 बजे के पूर्व किसी भी समय किया जा सकता है. नवरात्र का पारण दशमी तिथि 14 अप्रैल दिन रविवार को प्रातः काल 6 बजे के बाद किया जाएगा. साथ ही 13 अप्रैल दिन शनिवार को मध्यान्ह नवमी तिथि होने के कारण प्रभु श्री राम की जयतीं यानी रामनवमी का पुण्य पर्व भी मनाया जायेगा.
प्रत्याशियों ने देवी से माँगा विजय का आशीर्वाद:
नवरात्रि के प्रथम दिन देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही इस दौरान आम श्रद्धालुओं ने जहां परिवार तथा परिजनों के लिए भगवती से मंगलकामना की, वहीं चुनावी समर में उतरे प्रत्याशियों ने देवी भगवती से चुनाव में विजय का आशीर्वाद माँगा.
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