घटिया स्तर के निर्माण के कारण न्यायालय परिसर में पसरी गंदगी, अधिवक्ताओं में रोष ..
बनने के महज 3 दिन के बाद ही ऊपर लगा शेड उखड़ गया था. बाद में मामले को लेकर खबर छपने के बाद निर्माण एजेंसी कैसे दुरुस्त किया. वहीं, आनन-फानन में बनाए गए मूत्रालय में निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है
- बक्सर स्थित व्यवहार न्यायालय परिसर में बनाया गया है नया मंत्रालय
- निर्माण एजेंसी द्वारा नहीं की गई है निकासी तक की व्यवस्था.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: व्यवहार न्यायालय परिसर में बनाया गया सार्वजनिक मूत्रालय निर्माण में हुई अनियमितता एवं घटिया स्तर के निर्माण सामग्री के उपयोग के कारण बनने के एक हफ्ते के भीतर दुर्दशा का शिकार हो गया है. जिसके कारण अधिवक्ताओं तथा न्यायालय में आने वाले मुवक्किलों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अधिवक्ता ज्ञानेंद्र द्विवेदी बताते हैं कि निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण में इस कदर अनियमितता बरती गई है कि बनने के महज 3 दिन के बाद ही ऊपर लगा शेड उखड़ गया था. बाद में मामले को लेकर खबर छपने के बाद निर्माण एजेंसी ने इसे दुरुस्त किया. वहीं, आनन-फानन में बनाए गए मूत्रालय में निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है. जिसके कारण अब स्थिति यह हो गई है कि स्वच्छ परिसर बनाए जाने के लिए लगाया गया यह मूत्रालय खुद ही गंदगी का ठिकाना बन गया है. उन्होंने बताया कि मूत्रालय की गंदगी से निकलने वाली तीव्र दुर्गंध के कारण परिसर में बैठना तक मुश्किल हो गया है.
अधिवक्ता अरविंद पांडेय, वसीम अकरम, मनीष कुमार समेत अन्य अधिवक्ताओं ने भी इस विषय पर रोष जताया है. साथ ही निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई की भी मांग की है.
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