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कागजों में अनुदानित बीज वितरण केंद्र खोल किसानों के करोड़ों रुपए डकार गया विभाग ..

मामले को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को दो बार पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की, जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले को जांच के लिए डीडीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम भी बनाई गई थी, लेकिन अब तक इस मामले कि सच्चाई का पर्दाफाश नहीं हो सका है.

- जिले में बड़े स्तर पर चल रहा है मिलीभगत का खेल, किसानों के हक मारी कर रहा विभाग.
- 15 लाख रुपये के अरहर बीज के बंदरबाँट पर डीएम से की गयी थी शिकायत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के किसानों को खरीफ फसल का बेहतर उत्पादन करने तथा दियारा के दलहनी क्षेत्र के विकास के लिए भी कृषि विभाग अनुदानित दर पर धान तथा बीज भी उपलब्ध करा रहा है. जिसके लिए जिले में बीज वितरण के लिए तकरीबन 200 छोटी-बड़ी दुकानें स्थापित की गई हैं. इसके बावजूद भी किसानों को बाजार से ही बीज खरीदने पड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कि ज्यादातर दुकानें फाइलों में ही हैं. जबकि, इन दुकानों के नाम पर हजारों क्विंटल बीज कृषि विभाग से अनुदानित दर पर उठाए जाते हैं. जिन्हें किसानों तक ना पहुँचा कर कालाबाजारी कर बेचा जाता है. माना जा रहा है कि कालाबाजारी के इस खेल में कृषि विभाग के वरीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है.


कागज में तो हैं पर धरातल से गायब हैं बीज वितरण केंद्र:

बीज वितरण के लिए चयनित दुकानें कागजों में तो है लेकिन धरातल से गायब हो गई हैं. सदर मुख्यालय में अवस्थित ग्रीन हिमालयन एग्री बिजनेस सेंटर नामक एक बीज वितरण केंद्र पर जब हम पहुंचे तो वहां हमें एक प्रतिष्ठित कंपनी के वस्त्र विक्रेता की दुकान दिखाई दी. स्थानीय लोगों से पूछने पर बताया गया कि यहां पर पहले तो बीज वितरण केंद्र का बोर्ड लगाया गया था लेकिन अब वहां से हटा दिया गया है. वहीं कृषि सेवा केंद्र नामक दुकान पे बक्सर में ढूंढने पर नहीं मिली. विभागीय सूत्रों के मुताबिक ऐसा केवल बक्सर में ही नहीं बल्कि सिकरौल, नावानगर तथा अन्य जगहों पर ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जहां केवल कागजों में बीज वितरण केंद्र हैं. लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है. मजे की बात यह है कि इन सभी वितरण केंद्रों के नाम पर सैकड़ों क्विंटल बीजों का उठाव हर साल किया जाता है. बाद में इन बीजों को कालाबाजार में बेच दिया जाता है.

पिछले वित्तीय वर्ष में मिले 300 क्विंटल अरहर के बीजों का हिसाब नहीं: 

भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य परशुराम चतुर्वेदी ने बताया कि कृषि विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. पिछले वित्तीय वर्ष में 15 लाख रुपये कीमत की लगभग 300 क्विंटल अरहर का बीज किसानों के बीच बांटने के लिए आया था. लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस बीज का बंदरबांट कर लिया गया तथा किसानों को एक छटांक बीज नहीं मिल सका. मामले को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को दो बार पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की, जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले को जांच के लिए डीडीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम भी बनाई गई थी, लेकिन अब तक इस मामले कि सच्चाई का पर्दाफाश नहीं हो सका है.

कहते हैं अधिकारी: 

वितरण केंद्र धरातल पर नहीं होने की शिकायत मिली है. मामले की शीघ्र ही जांच कराते हुए सच्चाई का पता लगाया जाएगा.

कृष्णानंद चक्रवर्ती,
जिला कृषि पदाधिकारी









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