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वीडियो: सीलन भरे बदबूदार कमरे में धड़ल्ले से ऑपरेशन कर लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़ ..

 वीडियो में सस्ते इलाज कराने के चक्कर में महिला की स्थिति नाजुक बनी हुई है. महिला के परिजन बता रहे हैं कि किसी ने सलाह दी थी कि सस्ता इलाज होता है. जबकि, ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक आरा या अन्यत्र कहीं दूसरी जगह से आते हैं. वीडियो में परिजनों ने बताया है कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत में कुछ सुधार नहीं दिख रहा है. 

- समाजसेवी नंद कुमार तिवारी ने किया खुलासा.
- स्वयं पहुंचे अस्पताल वीडियो बनाकर दिखाई असलियत.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सस्ते इलाज के नाम पर मरीजों के जीवन के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब समाजसेवी नंद कुमार तिवारी पहल करते हुए एक निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान समाजसेवी ने बाकायदा इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली.  
स्वयं को बीए पास बताने वाला यही युवक करता है अस्पताल का संचालक







वीडियो में सस्ते इलाज कराने के चक्कर में महिला की स्थिति नाजुक बनी हुई है. महिला के परिजन बता रहे हैं कि किसी ने सलाह दी थी कि सस्ता इलाज होता है. जबकि, ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक आरा या अन्यत्र कहीं दूसरी जगह से आते हैं. वीडियो में परिजनों ने बताया है कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत में कुछ सुधार नहीं दिख रहा है. वह खड़ी भी नहीं हो पा रही है.
यही महिला कर रही थी अस्पताल प्रबंधन का बचाव

मामला इटाढ़ी बाजार का है. यहां सोनपा अस्पताल का बोर्ड जिस पर डॉ.बीके सिंह का नाम लगाकर इलाज किया जा रहा है. लेकिन, यह अस्पताल तंग गली के भीतर तीन कमरों का है. जिसमें दीवारों पर बारिश के पानी का सीलन लगा हुआ है. मरीजों के रहने के लिए दो बेड का एक कमरा है. जिसमें बेड रखने के बाद खाली जगह नहीं बचती है. खास बात है कि यहां प्रसव कार्य व बच्चेदानी की सर्जरी तक किया जाता है. इसके लिए बने ऑपरेशन थियेटर के कमरे में अंधेरा है. बदबूदार इस कमरे में चिकित्सक भी बैठते हैं. जब इस अस्पताल में प्रवेश किया गया तो ओटी में बैठे व्यक्ति ने अपने को चिकित्सक बताने से इनकार कर दिया. वीडियो में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने आई महिला की स्थिति नाजुक बताई जा रही है.

जाहिर हो, सरकार लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त सेवाएं उपलब्ध करा रही है. दवा, जांच, प्रसव कार्य व जरूरतमंद मरीजों को घर से आने-जाने के लिए एम्बुलेंस तक दिया जा रहा है. फिर भी लोग नीम-हकीम के जाल में फंस जा रहे हैं और सस्ता इलाज के नाम पर अपनी जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. वे इलाज ऐसी जगह कराते हैं जहां जरूरत के हिसाब से संसाधन नहीं होता. अनपढ़ लोग रहते हैं टारगेट पर बताया जा रहा है कि ऐसे अस्पताल में इलाज के लिए अनपढ़ लोगों को टारगेट किया जाता है. इसके लिए दलाल भी रखे जाते हैं. जो कुछ पैसे के लालच में चिकित्सक को अच्छा बता कर तारीफ करने लगते हैं. कहते कि फलां डॉक्टर मेरे रिश्तेदार का इलाज बहुत ही अच्छे तरीके से किए थे. पैसा भी कम लगता है. मेरी अच्छी जान-पहचान है.
देखिये वीडियो: 










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