विधि-विधान से सम्पन्न हुआ माँ काली का वार्षिक पूजनोत्सव ..
विसर्जन के दौरान निकलने वाली शोभायात्रा नया बाज़ार के तांतों मुहल्ले से होते हुए पांडेय पट्टी रेलवे क्रॉसिंग से निकलकर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए आईटीआई फील्ड के रास्ते सोमेश्वर स्थान गंगा घाट पर पहुंचती है. जहां मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.
- माँ के जयघोष से गुंजायमान रहा इलाका, लगाया गया था विशाल मेला.
- रात्रि 12 बजे निकाली जाएगी शोभायात्रा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के नया बाजार में स्थित अति प्राचीन काली मंदिर में आषाढ़ पूर्णिमा के 1 दिन पूर्व मां काली वार्षिक पूजनोत्सव का आयोजन किया गया. सैकड़ों वर्षों से आयोजित हो रहे पूजन उत्सव में विधि विधान से मां काली की पूजा करने के लिए सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था. मंदिर की घंटियों के बजने के साथ ही मां काली के जयघोष से इलाका गुंजायमान हो गया था. इसके साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों की सहायता से माता के सुमधुर भजन दूर तक पहुंच रहे थे. पूजन-अर्चन के पश्चात वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन कर विश्व के कल्याण की कामना की गई.
लगा था विशाल मेला, रंग-बिरंगे परिधानों में पहुँचे थे लोग:
पूजन के दौरान मंदिर के आसपास मेले का आयोजन किया गया था. मेले में बच्चों के खेल खिलौने झूलो तथा विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्रियों के ठेले-खोमचे भी लगे हुए थे. रंग-बिरंगे कपड़े पहने बच्चे अपने परिजनों के साथ मां काली का पूजन करने पहुंचे थे. पूजन के पश्चात उन्होंने जमकर मेले का लुत्फ़ उठाया. चाट-गोलगप्पे के ठेलों पर भी खासी भीड़ देखने को मिली.
देवी की आराधना से होता है भय का नाश:
मौके पर मौजूद पुजारी सर्वेश कुमार तिवारी उर्फ टुनटुन तिवारी ने बताया कि मां काली शक्ति संप्रदाय की सबसे प्रमुख देवी हैं. इनकी पूजा से भय का नाश, आरोग्य की प्राप्ति स्वयं की रक्षा और शत्रु का नियंत्रण होता है. इनकी उपासना से तंत्र मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं. पूजा समिति के अध्यक्ष रामजी सिंह ने बताया कि मां काली का यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जहां तकरीबन 100 वर्षों से अधिक समय से प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से मां काली का पूजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि पूजन के पश्चात पशु बलि भी जाती है. जिसके बाद रात्रि तकरीबन 12:00 बजे मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. विसर्जन के दौरान निकलने वाली शोभायात्रा नया बाज़ार के तांतों मुहल्ले से होते हुए पांडेय पट्टी रेलवे क्रॉसिंग से निकलकर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए आईटीआई फील्ड के रास्ते सोमेश्वर स्थान गंगा घाट पर पहुंचती है. जहां मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.
उन्होंने बताया कि पूजन के सफल संचालन में कोषाध्यक्ष बृजेश कुमार के साथ-साथ सभी सदस्यों का भी विशेष योगदान रहता है. सदस्यों में रामबचन, निरंजन कुमार, निर्मल कुमार, मनीष कुमार, राहुल कुमार, हरेंद्र कुमार, संतोष कुमार, विश्वजीत, बजरंगी चौहान, अजय वर्मा, झब्बू कुमार, प्रकाश कुमार आदि का विशेष योगदान रहा.
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