विक्षिप्त महिला को भेजा मानसिक अस्पताल, बच्चे के कारण लौटाया वापस ..
ख़बर प्रकाशित होते ही अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी तथा आनन-फानन में महिला को बेहतर इलाज के लिए कोइलवर स्थित मानसिक अस्पताल में भेज दिया गया. उधर, नवजात शिशु को देखते हुए मानसिक अस्पताल ने महिला को लौटा दिया. उसका कहना था कि मानसिक अस्पताल में बच्चे को खतरा है.
- 10 दिनों पूर्व अस्पताल में पहुंची थे गर्भवती महिला
- दुष्कर्म की जताई जा रही हैं आशंका
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: खुद को एक भट्ठे पर काम करने वाली बता रही एक महिला का सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया गया. उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जच्चा बच्चा दोनों सदर अस्पताल में ही भर्ती थे, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था. तकरीबन 10 दिनों से भर्ती महिला के परिजनों की जानकारी जुटाने की भी जहमत अस्पताल प्रशासन ने नहीं उठाई. इसी विषय को लेकर सोमवार को खबर प्रकाशित की गई थी. ख़बर प्रकाशित होते ही अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी तथा आनन-फानन में महिला को बेहतर इलाज के लिए कोइलवर स्थित मानसिक अस्पताल में भेज दिया गया. उधर, नवजात शिशु को देखते हुए मानसिक अस्पताल ने महिला को लौटा दिया. उसका कहना था कि मानसिक अस्पताल में बच्चे को खतरा है.
इस बाबत जानकारी देते हुए सिविल सर्जन उषा किरण वर्मा ने बताया कि तकरीबन 10 दिनों पूर्व खुद को झारखंड की रहने वाली बता रही एक महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसने बताया था कि वह किसी ईंट भट्ठे में काम करती है. महिला अपने परिजनों का नाम नहीं बता पा रही थी इस बात की सूचना नगर थानाध्यक्ष को भी दी गई थी लेकिन, उन्होंने भी मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया. महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है. महिला का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इस कारण उसे उसके बच्चे के साथ कोइलवर स्थित मानसिक अस्पताल में भेजा जा गया. ताकि, उसका बेहतर इलाज हो सके. उधर, महिला के वापस लौटने के बाद एक बार फिर महिला अस्पताल प्रबंधन के लिए चिंता का विषय बन गई है. यह भी कहा गया कि महिला को अल्पावास गृह में रखा जाए लेकिन, बक्सर में अल्पावास गृह के संचालक विनोद कुमार सिंह का कहना है कि महिला मानसिक विक्षिप्त है. ऐसे में उसे अन्य संवासिनों के साथ रखना उचित नहीं होगा. यही नहीं नियमों के अनुसार भी उसे अल्पावास गृह में नहीं रखा जा सकता.
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