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आखिर क्यों, बक्सर पुलिस से उठ गया है इस सैनिक का भरोसा ..

डुमरांव पुलिस पिछले 11 दिनों से अपने घर से लापता आशीष का सच में अपहरण हुआ है या फिर इसके पीछे कहानी कुछ और है? डुमरांव पुलिस इस सवाल पर हर बार चुप हो जा रही है. कारण की अब तक जो परिस्थितियां सामने आई है उसमें चौंकाने वाले कई तथ्य हैं.
सैनिक गजेंद्र तिवारी 

- 11 दिनों से लापता है डीएवी का छात्र
- अंधेरे में तीर चला रही है पुलिस.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: देश की सीमा का मजबूती से रक्षा करने वाला फौजी अपने घर की सुरक्षा में कितना कमजोर है यह गजेंद्र तिवारी ही बता सकते हैं. पिछले ग्यारह दिन से अपने अपहृत बेटा के सकुशल रिहाई के लिए दर दर भटक रहे फौजी पिता डुमरांव पुलिस से लेकर डीजीपी तक गुहार लगा चुके है. लेकिन, अपहृत की बरामदगी तो दूर इतने दिनों में पुलिस यह भी नहीं बता पाई की आशीष फिलहाल कहा तथा किस परिस्थिति में है?
अपने अनुसंधान में पुलिस इस ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि सच में आशीष का अपहरण हुआ है या उसकी गुमशुदगी का माजरा कुछ और ही है. इस मामले में तेजी से बढ़ते दबाव के बाद रविवार को डुमरांव पुलिस एक बार से आशीष के मोबाइल के कॉल डिटेल को नए सिरे से खंगालना शुरू किया है. गुमशुदगी से पूर्व आशीष अपने जिन दोस्तों से मिला है उससे पुलिस नए सिरे से पूछताछ शुरू की है. अपहरण के इस पेचीदा मामला सुलझाने का जिम्मा डुमरांव थाना के तेज तर्रार एसआइ धर्मेंद्र कुमार के पास है. नए सिरे से शुरू हुई जांच में पुलिस कॉल डिटेल तथा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तार को आपस में जोड़ कर इस गुत्थी को सुलझाने में लगी है. अपहरण के आरोप पर चुप है.
गायब छात्र आशीष की तस्वीर

 डुमरांव पुलिस पिछले 11 दिनों से अपने घर से लापता आशीष का सच में अपहरण हुआ है या फिर इसके पीछे कहानी कुछ और है? डुमरांव पुलिस इस सवाल पर हर बार चुप हो जा रही है. कारण की अब तक जो परिस्थितियां सामने आई है उसमें चौंकाने वाले कई तथ्य हैं. गुमशुदगी के अगले दिन 8 अगस्त की फिरौती के रूप में 30 लाख की डिमांड हुई है. वह भी अपहृत आशीष के मोबाइल से. उसके बाद से ही आशीष का मोबाइल बंद है और दोबारा फिरौती की डिमांड नहीं हुई है. पुलिस को आशीष की संगत पर भी शक हो रहा है. इसलिए, पुलिस मामले की पड़ताल डीएवी स्कूल तक कर चुकी है. हालांकि इन सबके बीच सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि पुलिस के लिए चुनौती बना यह मामला अभी तक सुलझ नहीं सका है.











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