इंसानियत शर्मसार: अस्पताल में गर्भवती महिला को तड़पता छोड़ भागी चिकित्सिका
सिविल सर्जन ने साफ तौर पर कहा कि, चिकित्सक उनकी बात नहीं मानते और इस बात से उन्होंने जिलाधिकारी समेत राज्य स्वास्थ्य समिति के लोगों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है.
- दर्द से तड़पती रही गर्भवती, बैंक के काम निबटाने चल दी चिकित्सिका.
- सिविल सर्जन ने कहा मांगा जाएगा स्पष्टीकरण.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल की व्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं है. यहां रुई-सुई से लेकर आवश्यक दवाओं तथा सेवाओं का अभाव सदैव बना रहता है. हालांकि, अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने की बजाय दिन ब दिन बिगड़ती ही जा रही है. अस्पताल की कुव्यवस्थाओं में अब चिकित्सकों के अभाव की समस्या भी जुड़ गई है.
बताया जा रहा है कि, पहले तो यहां पर्याप्त चिकित्सक नहीं है और जो है वह ड्यूटी करना नहीं चाहते. ऐसे में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की जान पर सदैव खतरा मंडराता रहता है. मजे की बात तो यह है कि, चिकित्सक अपने बड़ी अधिकारियों की भी नहीं सुनते. सिविल सर्जन ने साफ तौर पर कहा कि, चिकित्सक उनकी बात नहीं मानते और इस बात से उन्होंने जिलाधिकारी समेत राज्य स्वास्थ्य समिति के लोगों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है.
दरअसल, शनिवार को भी अस्पताल में एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने न सिर्फ चिकित्सकों के अभाव बल्कि मानवता को भी शर्मसार करने वाली तस्वीर अस्पताल में पेश की. इस संदर्भ में चौसा के रहने वाले तथा सदर अस्पताल में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद कार्यरत पर नीतू कुमारी के पति प्रशांत कुमार ने बताया कि, उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को शुक्रवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया. पूरी रात दर्द से कराहने के बाद शनिवार की सुबह उसे यह बताया गया कि, अस्पताल में एनेस्थीसिया के कोई चिकित्सक नहीं है. बाद में किसी तरह एनेस्थीसिया के चिकित्सक को बुलाया गया. यह सब करते-करते दिन के 12:00 बज गए थे. इसी बीच ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक डॉ.मेघा राय दर्द से कराहती महिला को यह कहते हुए छोड़ कर चली गई कि, उन्हें बैंक के कुछ जरूरी काम निबटाने है. प्रशांत ने बताया कि वह चिकित्सिका के सामने मिन्नतें करते रहे। लेकिन, उन्होंने उनकी एक न सुनी और आराम से निकल गई. वह सुबह 8:00 से 2:00 की ड्यूटी में कार्यरत थी लेकिन, वह ड्यूटी बीच में ही छोड़कर चली गई.
सिविल सर्जन ने कहा, सुनती नहीं हैं बात, मांगा जाएगा स्पष्टीकरण:
घटना की सूचना पर पर पहुंचे पत्रकारों ने इस संदर्भ में सिविल सर्जन से सवाल किया तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि, अस्पताल के कोई चिकित्सक उनकी बात नहीं सुनते. उन्होंने कहा कि डॉ. मेघा राय के विरुद्ध पहले भी इस तरह की शिकायतें आई हुई है. जिनके मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति एवं जिला अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है. बावजूद वह अपनी आदतों में सुधार नहीं कर रही। इस संदर्भ में उनसे शो-कॉज किया जाएगा. बाद में उन्होंने अस्पताल उपाधीक्षक डी.एन.पांडेय से महिला का ऑपरेशन करवाया.
रोगी कल्याण समिति के सदस्य ने की नियमित बैठक की मांग:
रोगी कल्याण समिति के सदस्य डॉ. श्रवण कुमार तिवारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि, अस्पताल की स्थिति बेहद चिंताजनक है. इस संदर्भ में वह जिलाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराएंगे साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि, स्वास्थ्य समिति की बैठक नियमित रूप से की जाती रहे. ताकि इस तरह की समस्याएं सामने आए और इनका निराकरण किया जाए.
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