खेतों में पड़े पुलाल से भरेगा गौ माता का पेट - एसडीएम
ऐसे में अनुमंडल पदाधिकारी सह आदर्श गोरक्षणी गोशाला के अध्यक्ष, कृष्ण कुमार उपाध्याय ने किसानों से अपील करते हुए उन्हें एक बेहतर सुझाव दिया है, जिससे न सिर्फ वह सरकारी आदेश का अनुपालन कर सकेंगे दूसरी तरफ वह पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ गौ माता की सेवा का पुण्य भी प्राप्त कर सकेंगे.
- पराली जलाने से रोक के बाद भी नहीं आ रहा व्यवहार में परिवर्तन.
- खेतों में पराली जलाने से रोक को लेकर एसडीएम ने दिया बेहतर विकल्प.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पर्यावरण संरक्षण के मद्देनज़र खेतों में पराली जलाने पर सरकार की तरफ रोक लगायी गयी है. किसानों को चेतावनी भी दी गयी है कि, ऐसे किसान जो पराली जलाएंगे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. यही नहीं कुछ दिन जिले के सभी विद्यालयों में शपथ के माध्यम से सभी परिवारों को जागरूक करने की कोशिश की गई. बावजूद इसके किसान खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अनुमंडल पदाधिकारी सह आदर्श गोरक्षणी गोशाला के अध्यक्ष, कृष्ण कुमार उपाध्याय ने किसानों से अपील करते हुए उन्हें एक बेहतर सुझाव दिया है, जिससे न सिर्फ वह सरकारी आदेश का अनुपालन कर सकेंगे दूसरी तरफ वह पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ गौ माता की सेवा का पुण्य भी प्राप्त कर सकेंगे.
एसडीएम ने किसानों से किए अपने आग्रह में बताया है कि, पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान तो होता ही है मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कम होती है. कई मामलों में देखा गया कि लोग खेतों में हार्वेस्टर से फसल कटवा देते हैं और पराली को वहीं जला देते हैं. कारण यह बताया जाता है कि, उनको मजदूर नहीं मिलता अथवा पुआल उनके काम का नहीं रहता. ऐसे में उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि, अगर उन्हें किसान पुआल की जरूरत नहीं है तो वे बक्सर शहर में अवस्थित गौशाला में पुलाल का दान कर सकते हैं. खास बात यह है कि, पुलाल को खेतों से गौशाला तक के परिवहन का परिवहन खर्च गोशाला के माध्यम से दिया जाएगा.
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