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जिला परिषद की बैठक में हंगामा, अधिकारियों पर लगे कमीशन मांगने के आरोप ..

अधिकारी योजनाओं को कार्यान्वित कराने के लिए उनसे बतौर कमीशन चार फीसद तक राशि वसूल करते हैं. बावजूद इसके योजनाओं की राशि समय से नहीं प्राप्त होती. उन्होंने यह भी पूछा कि, आखिर किन कारणों से प्रत्येक तीन माह पर होने वाली बैठक एक साल पर आयोजित हो रही है.

- सदस्यों ने किया बैठक का बहिष्कार
- कहा, भ्रष्टाचार छिपाने के लिए नहीं होती नियमित बैठक.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्थानीय डाक बंगला में आयोजित जिला परिषद के सामान्य बैठक में उस समय अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया जब जिप सदस्यों ने तमाम प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया. सदस्यों का कहना था कि, भ्रष्टाचार का विरोध होने के डर से कई पदाधिकारी बैठक में शामिल ही नहीं हुए. हालांकि, बाद में उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाने की बात कही गई.

दरअसल, नगर के डाकबंगला में जिला परिषद सदस्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ होने वाली सामान्य बैठक के दौरान जिप सदस्यों ने अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए. सदस्यों का कहना था कि, अधिकारी अपनी जवाबदेही से बचने के लिए बैठक में नहीं आए हैं. इसके साथ ही सदस्यों ने यह भी कहा कि, अधिकारी योजनाओं को कार्यान्वित कराने के लिए उनसे बतौर कमीशन चार फीसद तक राशि वसूल करते हैं. बावजूद इसके योजनाओं की राशि समय से नहीं प्राप्त होती. उन्होंने यह भी पूछा कि, आखिर किन कारणों से प्रत्येक तीन माह पर होने वाली बैठक एक साल पर आयोजित हो रही है.

जिला परिषद सदस्य अरविंद प्रताप शाही ने बताया कि, इतना पूछे जाने पर उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने चौसा की जिला परिषद सदस्य बसंती देवी को डांट दिया. उप विकास आयुक्त के इस व्यवहार से आहत होकर सभी ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने मीडिया के समक्ष बताया कि, अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं. जिसके कारण जिला परिषद की बैठक भी नियमित रूप से नहीं की जाती. इसके साथ ही जब भ्रष्टाचार की बात उजागर की जाती है तो अधिकारी दुर्व्यवहार पर उतारु हो जाते हैं.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि, बैठक में अधिकारियों के न पहुंचने पर जिप सदस्य आक्रोशित थे. डीडीसी ने कहा कि, जो भी पदाधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे हैं उनसे स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी तथा संतोषजनक जवाब न मिलने पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाएगी.
















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