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Buxar Top News: शहादत दिवस के रूप में मनाई गयी बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि ...


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शुक्रवार को बक्सर कोइरपुरवा (नगर परिषद के पीछे ) वसुधा केंद्र पर
 बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि कों  CSC ASSOCIATION ने शहादत दिवस के रूप मे एसोशिएसन के सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने मिलकर मनाई | कार्यकर्म के अध्यक्षता एसोशिएसन अश्विनी कुमार चौबे ने की | उन्होने बताया की बिरसा मुंडा एक महान क्रांतिकारी नेता थे | उन्होने देश के लिए अपनी जान तक गवा दिए | अपने आदिवासी एवं निचले तबके के लोगो को स्वधिनता की लड़ाई के लिए प्रेरित किया | अंग्रेजों की शोषण नीति और असह्म परतंत्रता से भारत वर्ष को मुक्त कराने  में अनेक महपुरूषों ने अपनी शक्ति और सामथ्र्य के अनुसार योगदान दिया. इन्हीं महापुरूषों की कड़ी का नाम है - 'भगवान बिरसा मुंडा'., सर नहीं झुकाया बल्कि जल, जंगल और जमीन के हक के लिए अंग्रेजी के खिलाफ 'उलगुलान' अर्थात क्रांति का आह्वान किया |एसोसिएसन के उपाध्यक्ष विवेक कुमार ने अपने विचार रखते हुए बताया की अब भी अधूरी है शहीद बिरसा मुंडा का सपना | बिरसा मुंडा देश के लिए अपनी बड़ी शहादत दिए और वो शहीद हो गए | 'अबुआ: दिशोम रे अबुआ: राज' अर्थात हमारे देश में हमारा शासन का नारा देकर भारत वर्ष के छोटानागपुर क्षेत्र के आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की हुकुमत के सामने कभी घुटने नहीं टेके और अंग्रेज़ो से देश को स्वधिनता दिलाने मे महतवापूर्ण भूमिका निभाए |
एसोसिएसन के सचिव संतोष कुमार यादव ने सहधन्यवाद देते हुए कहा की हमारे देश के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी देने बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि को देश मे शहादत दिवस के रूप मे मानता है, बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ उलगुलान का आह्वान किया. वे उग्र हो गये. शोषकों, ठेकेदारों और अंग्रेजी चाटुकारों को मार भगाने का आह्वान किया. पुलिस को भगाने की इस घटना से आदिवासियों का विश्वास बिरसा मुंडा पर होने लगा. विद्रोह की आग धीरे-धीरे पूरे छोटानागपुर में फैलने लगी. कोल लोग भी विद्रोह में शामिल हुए. लोगों को विश्वास होने लगा कि बिरसा मुंडा भगवान के दूत के रूप में शोषकों से मुक्ति के लिए स्वर्ग से यहां पहुंचे हैं. अब दिकुओं का राज समाप्त हो जाएगा एवं 'अबुआ: दिशोम रे अबुआ: राज' कायम होगा. आदिवासी को यह पूर्ण रूप से विश्वास हो गया कि यदि वे सरकार के खिलाफ खड़े होंगे, सरकार का विद्रोह करेंगे तो उनका खोया हुआ राज भी वापस मिलेगा |कार्यकम मे अभिषेक गोंडवाना ने बताया की अंग्रेज़ो ने हैजा का नाम बताकर जेल मे ही जहर देकर मार दिया गया था |
कार्यकर्म मे जुनैद आलम (सामाजिक कार्यकर्ता), आनंद राज आनंद, अभिषेक गोंडवाना,  अश्विनी कुमार चौबे, विवेक कुमार,संतोष कुमार यादव, रश्मि मित्रा,मो0 आसिफ,आकाश कुमार,पप्पू कुमार,पंकज,दानिश, आदि लोग भाग लिए |




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