Buxar Top News: बाढ़ की आशंका से दहशत में दियारावासी, सतर्क प्रशासन ने क्षतिग्रस्त सड़कों के निर्माण के लिए मांगी स्वीकृति ...
बक्सर टॉप न्यूज़: बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जहाँ बक्सर जिला प्रशासन पहले से ही अलर्ट है वहीँ गंगा के जलस्तर लगातार में हो रही वृद्धि के बाद प्रशासनिक तैयारियों में तेजी आई है। इस बाबत जिलाधिकारी रमण कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को पत्र भेजकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए स्वीकृति मांगी है।
जिलाधिकारी ने सचिव को भेजे पत्र में इसका डीपीआर भी संलग्न किया है। इसके तहत सिमरी प्रखंड के सिमरी-बलिहार सड़क में सिमरी बाजार के पास 150 मीटर सड़क की मरम्मत की आवश्यकता जताई गई है। इसके लिए प्राक्कलित राशि 10.76 लाख रुपये की मांग की गई है। वहीं, आशापड़री-नियाजीपुर पथ में प्रारंभिक छोर पर एक हजार मीटर सड़क की मरम्मत की आवश्यकता जताई गई है, जिसका प्राक्कलन 37.36 लाख रुपये का भेजा गया है। डीएम ने बताया कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा उत्पन्न होने पर उक्त पथ से जुड़े क्षेत्रों में राहत कार्य वितरण में बाधा तथा वाहनों के परिचालन एवं आम नागरिकों के आवागमन में कठिनाई उत्पन्न न हो इसके लिए उक्त पथों की मरम्मत कराना नितांत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित अंचल की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मती के लिए अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। यही नहीं बाढ़ पूर्व तैयारियों के संदर्भ में मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत भी विभागीय अभियंताओं को निर्देशित करने के लिए एसडीओ ने कहा है। डीएम ने बताया कि ऐसे में उक्त पथों की मरम्मत के लिए विभागीय सचिव से स्वीकृति की मांग की गई है।
वहीँ विगत पांच दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से जिले के निचले तथा दियारावासियों में बाढ़ आने की आशंका से दहशत का माहौल है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते बक्सर-कोईलवर तटबंध समेत कई गांवों के लिए खतरा बढ़ने लगा है। हालांकि, बुधवार की रात इसकी रफ्तार कुछ कम थी। लेकिन, गुरुवार की सुबह पुन: रफ्तार में तेजी आ गई। बताया जा रहा है कि बुधवार की देर शाम जलस्तर बढ़ने की रफ्तार 2 सेंमी से घटकर आधा सेंमी रह गई थी। लेकिन, अगले दिन रफ्तार बढ़कर एक सेमी प्रति घण्टा हो गई है। सुबह 8 बजे इसका लेवल 55.09 और अपराह्न 3 बजे 55.16 मीटर दर्ज किया गया।
ज्ञात हो कि कि, गंगा के जलस्तर की चेतावनी 59.32 मीटर और खतरे का निशान 60.32 मीटर है। हालांकि, जलस्तर चेतावनी से लगभग 4 मीटर नीचे है। लेकिन, निचले इलाकों में अभी से खतरा बढ़ता दिखाई देने लगा है। इसे देखते हुए जिले के सभी तटवर्ती प्रखंडों को सचेत रहने के साथ ही तटबंध बराबर निगरानी और आवश्यक्तानुसार कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
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