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Buxar Top News: सांसद का विरोध लोकतंत्र की हत्या, बाहरी के नाम पर सदर विधायक का भी होना चाहिए विरोध - अंकित ।


- सांसद ने कुछ लोगों कक बताया कीड़ा मकौड़ा, पूरे बक्सर को नहीं.
- सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया जा रहा विरोध.
- नाजायज औलाद कहने पर क्यों नहीं हो रहा विरोध.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आज बक्सर सांसद व स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के विरोध हुए दो दिन हो गए और हर दिन मामले में नयी-नहीं बातें सामने आ रही हैं. ऐसे में आंदोलन संगठन का हिस्सा होते हुए बक्सर में एक स्वतंत्र मंच पर अपनी बातें रखने वाले अंकित द्विवेदी ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जहाँ तक विरोध की बातें हैं तो इसका पैमाना सांसद का या विधायक का उसका भ्रष्टाचारी होना, कमीशन खोर होना,कार्य न कराना हो सकता हैं । और अगर अगर ऐसा है तो वह भी विरोध का समर्थन करते हैं। परंतु किसी लोकतंत्र के प्रहरी का यह कहकर विरोध किया जाए कि वह बाहरी हैं तो यह कतई सही नहीं हैं, और ऐसे विरोधियों का यह कृत्य निंदनीय है तथा लोकतंत्र की हत्या के समान एवं संविधान को एक चुनौती है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों को सबसे पहले सदर विधायक का विरोध करना चाहिए चूँकि वह  भी बक्सर के नहीं हैं।

बक्सर टाॅप न्यूज से बात करते हुए अंकित ने यह भी कहा, कि किसी को विरोध करने का हक हैं, अभिव्यक्ति की आजादी हैं, परंतु इसकी आड़ में आप किसी का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस विरोध व माननीय सांसद के बातों को बढ़ा चढ़ा कर फैलाने के पीछे एक व्यक्तिगत स्वार्थ नजर आता हैं. चूँकि सांसद ने उनके मंत्री होने का विरोध कर रहे लोगों के आलोक में यह टिप्पणी दी थी, पर उसे बक्सर की जनता से जोड़ दिया गया । जहाँ तक मुझे लगता हैं जो युवा लोकप्रियता के लिए विरोध कर रहें हैं उन्होंने सांसद के बयान को जो उनके लिए था वह बक्सर की जनता से जोड़ने का घृणित प्रयास किया है । उन्होंने याद दिलाया कि बक्सर के एक छात्र नेता ने उन्हीं लोगों के लिए "भाजपा का नाजायज औलाद" शब्द का प्रयोग किया हैं । ऐसे में वे साबित करें कि वे  भाजपा का नाजायज औलाद नहीं हैं ।  चूँकि वह छात्र नेता ज्यादा चर्चित नहीं हैं इस लिए इस बात को तूल नहीं दिया जा रहा ।  इसका मतलब तो यह हुआ कि सांसद का विरोध करेंगे तो लोकप्रियता मिलेगी?
अंकित ने कहा कि ऐसी गंदी सोच रखने वाले लोग राजनीति को बदनाम कर रहें हैं, इन सब का विरोध होना चाहिए और इनकी बातों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। उन्होंने युवाओं को सीख देते हुए कहा कि, विरोध तो लोकतंत्र की सुंदरता हैं। पर ध्यान रखें कि विरोध निजी स्वार्थ सिद्धि के उद्देश्य के लिए नहीं हो ।














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