Buxar Top News: .. तो सील कर दी जायेंगी पटाखा व मिठाई की दुकानें, जप्त कर लिए जायेंगे सामान – अनुमंडलाधिकारी |
सदर अनुमंडलाधिकारी गौतम कुमार ने पटाखा तथा मिठाई की दुकानों के लिए
आवश्यक निर्देश जारी लिए हैं जिनका अनुपालन नहीं करने पर उन पर कारवाई की जाएगी.
- रिहायशी इलाकों में पटाखों के भंडारण और बिक्री पर है पाबंदी.
- मिलावटी मिठाई बेचे जाने पर होगी कारवाई, फ़ूड इंस्पेक्टर करंगे जांच.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: दीपावली
आते ही शहर में पटाखों की दुकानें दिखने लगी हैं. पटाखे की
बिक्री करने के लिए अनुमंडल
कार्यालय से लाइसेंस लेना होता है. जिले में पटाखों का कारोबार करोड़ो रुपए का होता
है. यह व्यवसाय महज दो दिनों में होता है. वहीँ त्योहारों में मिठाईयों की बिकी भी
जोरो पर होती है.
पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस के लिए अनुमंडलाधिकारी को आवेदन देना होगा.
उनके आवेदन की सत्यता जानने के बाद लाइसेंस बनेगा. हालांकि अभी लाईसेंस के लिए सभी
दुकानदारों ने आवेदन नहीं दिया है. जबकि नगर
तथा आसपास के छोटे बाजारों में भी पटाखों की दुकानें सजने लगी हैं. वहीँ मिठाइयों
की खपत को देखते हुए नकली मिठाईयों बनाए एवं बेचे जाने की बाते भी सामने आ रही
हैं.
लाईसेंस नहीं लेने तथा मिलावटी मिठाइयां बेचे जाने पर होगी कारवाई
सदर अनुमंडलाधिकारी गौतम कुमार ने बताया कि रिहायशी इलाकों में पटाखों
के भंडारण और बिक्री पर पाबंदी है. यही नहीं दुकानें जहाँ लगायी जायेंगे वहाँ अग्निशमन
की भी व्यवस्था रखनी होगी. बिना अनुमति के बिक्री और भण्डारण करने पर दुकानदार के खिलाफ
कड़ी कार्रवाई की जायेगी. हर दुकानदार को नियमों का पालन करना होगा. भौतिक सत्यापन
के बाद लाइसेंस दिया जायेगा. अगर बिना लाईसेंस के कोइ भी दुकान पायी गयी तो उसको
सील कर सारे पटाखे जप्त कर लिए जायेंगे. उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार दो दिनों के
अन्दर अपना आवेदन कार्यलाय में प्रस्तुत कर लाईसेंस ले ले.
वहीँ उन्होंने बताया कि त्योहारों में चूंकि ज्यादा मिठाईयों की खपत
होती है ऐसे में मिलावटी मिठाई बेचे जाने की भी सम्भावना है. ऐसे दुकानदारों पर भी
नज़र रखी जा रही है. त्योहारों के दौरान में फ़ूड इंस्पेक्टर सभी दुकानों में जा कर मिठाईयों
के नमूने एकत्र करेंगे तथा मिलावट की बात सामने आने पर उन दुकानों को भी सील कर
संचालकों के विरुद्ध कारवाई की जाएगी.
लाइसेंस पाने का क्या है नियम
लाइसेंस पाने के लिए विक्रेताओं को सबसे पहले सरकार के शीर्ष हेड में छह सौ रुपये का चालान स्टेट बैंक के
मुख्य ब्रांच में जमा करना होगा. इसके बाद अनुमंडल कार्यालय में दुकानदार अपने नाम
से आवेदन देगा. अंचलाधिकारी के स्तर पर दुकान खोले जाने का भौतिक सत्यापन होगा,
फिर लाइसेंस निर्गत किया जायेगा.
पटाखा कारोबार का क्या है नियम
भारत सरकार अधिनियम के तहत पटाखों का कारोबार 1884 में अंग्रेजों द्वारा
बनाये गये एक्सप्लोसिव एक्ट और 1908 में बनाये गये एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट के तहत
बनाये गये एक्सप्लोसिव रूल्स के अंतर्गत किया जाता है. इमारत में इस तरह की चीजें नहीं
होनी चाहिए जो आसानी से आग पकड़ती हों. निर्धारित सीमा से अधिक पटाखों को रखने की इजाजत
नहीं दी जाती है. 1984 और विस्फोटक विनियम 2008 के अध्याय सात में आतिशबाजी की स्थायी
व अस्थायी दुकानों के लिए नियम हैं.
होलसेल लाइसेंसधारक इनका पालन करने के लिए बाध्य हैं. भले ही उन्होंने
स्थायी या अस्थायी लाइसेंस लिया है. नियम 83 के अनुसार पटाखा बिक्री की स्थायी दुकान
कंक्रीट से बनी हुई हो. आकार नौ वर्गमीटर से ज्यादा और 25 वर्गमीटर से कम होना चाहिए.
दुकान में कोई बिजली उपकरण, लैंप, बैटरी या चिनगारी पैदा करनेवाला सामान नहीं होना
चाहिए. जगह ऐसी हो, जहां अग्निशमन वाहन तत्काल पहुंच सके.
दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल होनी चाहिए आवाज
पटाखा बेचने के अतिरिक पटाखा छोड़े जाने पर भी नियमों का अनुपालन किया
जाना आवशयक है. नियमों के मुताबिक शोर का मानक शहरी क्षेत्र में सुबह छह से रात 10
बजे तक 55 डेसिबल और रात 10 से सुबह छह बजे तक 45 डेसिबल रहना चाहिए. इससे ज्यादा ध्वनि
या शोर कुछ समय बाद मानव को बेचैन करते हैं. 95 डेसिबल की आवाज कान को प्रभावित करती
है और 110 डेसिबल से ज्यादा आवाज हो, तो कान का पर्दा फटने का डर रहता है. बाजार में बिकनेवाले अधिकतर पटाखे की
ध्वनि क्षमता 120 डेसिबल या उससे ज्यादा होती है.
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