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Buxar Top News: गरीबों के पेट पर लात मार, बिहार सरकार लाना चाहती है माफ़ियाराज - बिल्डिंग मैटेरियल व्यवसायिक संघ ।

शुक्रवार को बिहार सरकार के खिलाफ बालू व्यवसायी गोलबंद हुए.

- भुखमरी के शिकार हैं बालू व्यवसाय से जुड़े लोग.
- मांगे नहीं मांनने पर होगा उग्र आंदोलन.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सुबे की सरकार गरीबों  के पेट पर लात मार बड़े  उद्योगपतियों और  माफियाओं को लाभ पहुंचाना चाहती है, जिसका ताजा उदाहरण बालू बिक्री के लाइसेंस के लिए लगाए गए नए नियमों को देखकर समझा जा सकता है. सरकार ने बालू बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता तो कर दी है इसमें पुराने व्यवसायियों का ध्यान में न रखते हुए लॉटरी सिस्टम लगा दिया है. जिसके कारण पुराने व्यवसायियों के सामने अंधकारमय भविष्य दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर बड़े बड़े उद्योगपति और माफिया कई- कई नामों पर आवेदन दे रहे हैं. ये बातें बिल्डिंग मैटेरियल व्यवसायिक संघ के बैनर तले हुई एक बैठक के दौरान बालू व्यवसायियों ने कही.














व्यवसायियों ने बैठक के दौरान बताया कि पिछले कई महीनों से बालू मजदूर एवं बालू व्यवसाय भुखमरी के शिकार है ऐसे में सरकार द्वारा किया जा रहा दोहरा व्यवहार कहीं ना कहीं बिहार सरकार की गलत नीतियों को प्रदर्शित कर रहा है. शुक्रवार को बिहार सरकार द्वारा रोजगार करने के संविधानिक अधिकार के अतिक्रमण के विरुद्ध जिले के विल्डिंग मैटेरियल विक्रता संघ ने शहर के बक्सर-धनसोई रोड़ स्थित एक हाल में एक बैठक आयोजित की थी. बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष एसके मिश्रा ने की. इसके साथ ही व्यवसायियों ने सरकारी नीतियों की कड़ी निंदा की.
उन्होंने कहा कि सरकार सभी को अपने कार्य करते हुए समान अवसर प्रदान करे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार व्यवसायियों को माफिया समझा बैठी है, जिससे कारण लॉटरी सिस्टम जैसे गलत नियमों को लेकर आयी है. सरकार की गलत नीति के कारण चालीस वर्षों से भी अधिक समय से बालू व्यवसाय में जुड़े व्यवसायियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है.

उन्होंने यह भी कहा कि तकरीबन एक साल पहले ही सरकार ने लाइसेंस देने के नाम पर पांच हजार रुपये लिया, लेकिन आज तक एक भी व्यवसाई को लाइसेंस नहीं मिला. वहीं पुन: तीस हजार रुपये लेकर लाइसेंस देने की बात कही जा रही है. दूसरी तरफ  पुराने  बालू विक्रेताओं का चालान रहते हुए भी उनके बालू को जप्त कर लिया जा रहा है जो कि सरासर अन्याय व्यवसायियों ने एक स्वर में कहा की यदि ऐसा ही जारी रहा तो संघ उग्र आंदोलन के लिए बांध होगा.

आज की बैठक के बाद पुनः आगामी तेरह नवंबर को बैठक करने का निर्णय लिया गया. इस दौरान मौके पर संजीव कुमार मिश्रा, गुड्डू  पांडेय,  सन्नी सिंह, विनोद सिंह, राम प्रवेश राय, दिलीप यादव, प्रमोद कुमार सिंह, श्रीनाथ ओझा, संजय कुमार कुशवाहा, विनोद पांडेय, चंदन कुमार राय, दीपक कुमार, रविशंकर सिंह, अमित कुमार, प्रविण  समेत कई लोग मौजदू थे.
 














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