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Buxar Top News: एक बार फिर उजागर हुई सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की कुव्यवस्था,रुई सुई के बाद अब निबंधन पर्ची के भी पड़े लाले ..

सरकारी अस्पतालों में दिख रही कुव्यवस्था सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सभी दावों को खोखला साबित करती नजर आती है.

- बैंक प्रबंधक एवं उनके सहयोगी हुए सड़क दुर्घटना में घायल.
- गंभीर अवस्था में कर दिया गया अन्यत्र रेफर.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक ओर जहाँ राज्य सरकार के द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की बात अक्सर कही जाती है वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में दिख रही कुव्यवस्था सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सभी दावों को खोखला साबित करती नजर आती है.ताज़ा मामले में रोगियों को दी जानेवाली निबंधन की पर्ची भी अस्पताल में मयस्सर नहीं होना सरकारी दावों की पोल खोलती नज़र रही है.मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सोंधिला गांव के पास हुई सड़क दुर्घटना में जख्मी बड़कागांव बैंक प्रबंधक रेवती रमण मिश्रा एवं उनके एक सहयोगी पवन कुमार को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. पूर्व की भांति प्राथमिक उपचार करने के बाद एक और जहां दोनों को चिकित्सकों की कमी तथा अन्य सुविधाओं की कमी दिखाकर अन्यत्र रेफर कर दिया गया वहीं  निबंधन पर्ची के अभाव में उनको सादे कागज पर कुछ दवाइयां लिख दी गई.  यही नहीं उसी सादे कागज पर घायलों को अन्यत्र रेफ़र भी कर दिया गया. मामले में अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डी एन ठाकुर ने बताया कि अस्पताल की अव्यवस्थाओं को सुधारने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी कुछ चूक हो जाना लाजमी है. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी सेवा में कंप्यूटर ऑपरेटर के ना होने के कारण सादे कागज पर लिखकर दवाइयां दी गई थी. बहरहाल, सवाल यह उठता है कि क्या जिला के सबसे बड़े अस्पताल में एक निजी क्लीनिक जितनी भी सुविधाएं नहीं मयस्सर। ऐसे में बिहार में स्वास्थ्य व्यस्था पर सवाल उठना लाजमी है। अब देखना होगा कि क्या लोग ऐसे ही सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने को आगे भी मजबूर रहेंगे या इसमें कुछ सुधार की संभावना बनती है।






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