Buxar Top News: नहीं रहें वरिष्ठ जनसंघी सच्चिदानंद मिश्र, भाजपा के लिए जीवन पर्यंत रहें समर्पित ....
जनसंघ का चुनाव चिन्ह दिया छाप था, और 60 से 70 के दशक में कांग्रेस की इतनी लहर थी कि बक्सर में जनसंघी कार्यकर्ता दिया लेकर ढूँढने पर भी नही मिलते थे, और उस समय स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र अपने गाँव मे एकलौते जनसंघी थे।
- बक्सर प्रखंड के करहँसी ग्राम निवासी थे स्व. सच्चिदानंद मिश्र.
- सच्चे एवं ईमानदार नेता के रुप में किए जाते रहेंगे याद.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक ईमानदार और सच्चे नेता का उदाहरण के रूप में किसी को देखना हो तो वह थे बक्सर प्रखंड के करहँसी ग्राम निवासी सच्चिदानंद मिश्र।
जिनकी पिछले 6 जनवरी को ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया।
आपको ज्ञात करा दे कि देश आजादी के बाद पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी, तब कांग्रेस को टक्कर देने के लिए जनसंघ का निर्माण हुआ, और जब से देश मे चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई तब से जनसंघ भी चुनाव में भाग लेने लगा, और उसी समय से स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र जनसंघ से जुड़े।
जनसंघ का चुनाव चिन्ह दिया छाप था, और 60 से 70 के दशक में कांग्रेस की इतनी लहर थी कि बक्सर में किसी जनसंघी कार्यकर्ता दिया लेकर ढूँढने पर भी नही मिलते थे, और उस समय स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र अपने गाँव मे एकलौते जनसंघी थे। इनके बारे में कहा जाता है कि अपने पूरे जीवनकाल में कभी कांग्रेस को वोट दिए ही नही थे।
बाद में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, आजीवन पार्टी के एक कार्यकर्ता बनकर पैदल गाँव गाँव घूमकर पार्टी के विचारधारा को समझाते हुए स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र, डुमरांव महाराज कमल सिंह, श्री अजय चौबे, स्वर्गीय बबन उपाध्याय, स्वर्गीय लालमुनि चौबे इत्यादि वरिष्ठ लोंगो के साथ बीजेपी का प्रचार प्रसार करते थे।
स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र इतने संघर्षशील तथा पार्टी समर्पित एक कुशल कार्यकर्ता थे कि अपने गाँव के ही दो साथियों श्री वसिष्ठ सिंह तथा श्री योगेंद्र सिंह के सहयोग से एकलौता जनसंघी से पूरे करहँसी गाँव को भाजपाई बना दिए। और आज भी स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र तथा उनके साथियों के प्रयास से पूरे बक्सर प्रखंड में करहँसी पंचायत से सबसे अधिक वोट बीजेपी के खाते में जाते है।
स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र तथा बीजेपी के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा था कि स्वर्गीय लालमुनि चौबे पहली बार बक्सर बीजेपी से सांसद बने।
स्वर्गीय लालमुनि चौबे से पूर्व महाराज कमल सिंह भी बीजेपी से दो बार चुनाव लड़े थे जिसमें उस समय का प्रमुख नारा था
"कमल सिंह का कमल निशान,
मांग रहा है हिंदुस्तान"।
उस दोनों चुनाव में कमल सिंह की पराजय तो हुई पर पूरे बक्सर में बीजेपी मजबूत हुई। जिसका पूरा योगदान उस समय के बीजेपी के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जाता है।
इस महान, संघर्षशील, सच्चे, ईमानदार, महापुरुष स्वर्गीय सच्चिदानंद मिश्र का श्राद्ध कर्म 18 जनवरी को उनके पैतृक गाँव करहँसी मे होना तय हुआ है।
अतः दिवगंत आत्मा की शांति के लिए उनके पैतृक गाँव करहँसी पहुँच श्राद्ध कर्म में भाग लें ।
- प्रभाकर मिश्र
Post a Comment