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Buxar Top News: ख़ास मुलाक़ात: स्वच्छता मिशन बना जनांदोलन, तहे दिल से सहयोग करें लोग - जनार्दन सिंह सिग्रीवाल |

स्वच्छ भारत अभियान देश में एक जनआंदोलन की तरह जारी है. अक्तूबर, 2014, जब ये अभियान शुरू किया गया था तो देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा सिर्फ 39 प्रतिशत था. आज ये बढ़कर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है. 


- स्वच्छता को बताया मूलभूत मौलिक अधिकार.
कहा, 'शौचालय नहीं तो विवाह नहीं' जैसी अनोखी प्रथाएं भी की गयी है शुरू.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वच्छता एक मूलभूत मौलिक अधिकार और दायित्व दोनों है. 21वीं शताब्दी में जहां तकनीकी विकास और खुशहाली के नए आयाम खोजे जा रहे हैं, वहीं विश्व के किसी भाग में या समाज के किसी हिस्से में अस्वच्छ जल और अस्वच्छता जनित कारणों से बड़े पैमाने पर मृत्यु होना एक विडंबना ही है. स्वच्छताक्या है, यह एक वृहत शब्द है जिसमें व्यक्तिगत सफाई, मनुष्य और पशुओं के मल का समुचित निपटान, कूड़ा-करकट का उचित प्रबंधन, जल निकासी का उचित प्रबंध और आरोग्ययुक्त जीवन में सहायक साफ-सुथरा निर्मल वातावरण आदि सम्मिलित हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वच्छता का अभिप्राय मनुष्य के स्वस्थ निर्वहन को प्रभावित करने वाले भौतिक पर्यावरण के उचित प्रबन्धन से है. स्वच्छता में मानव व्यवहार और वातावरण को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए भौतिक सुविधाएं जैसे शौचालयों की व्यवस्था, बहते पानी की समुचित निकासी आदि शामिल हैं. किसी भी राष्ट्र के विकास को मापने का उत्तम मानक वहां का स्वस्थ समाज होता है. नागरिकों की स्वास्थ्य का सीधा असर उनकी कार्य-शक्ति पर पड़ता है. नागरिक कार्य-शक्ति का सीधा संबंध राष्ट्रीय उत्पादन-शक्ति से है. जिस देश की उत्पादन शक्ति मजबूत है वह वैश्विक स्तर पर विकास के नए-नए मानक गढ़ने में सफल होता रहा है. इस संदर्भ में स्पष्ट हो जाता है कि किसी भी राष्ट्र के विकास में वहां के नागरिक-स्वास्थ्य का बेहतर होना बहुत ही जरूरी है. शायद यही कारण है कि अमेरिका जैसे वैभवशाली राष्ट्र की राजनीतिक हलचल में स्वास्थ्य का मसला अपना अहम स्थान पाता है. उक्त बातें बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे पर  बक्सर टॉप न्यूज के सह-संपादक अमित राय  से हुई खास बातचीत के दौरान कही.

सांसद श्री सिग्रीवाल ने कहा कि, एक सर्वे के मुताबिक 14 फीसदी ऐसे भी लोग हैं जिनके घरों में टॉयलेट है, फिर भी वो खुले में शौच करना पसंद करते हैं. कारणों में खुली हवा में शौच करने का आनंद से लेकर मार्निंग वॉक और खेतों की देखभाल जैसे अपने तर्क देते हैं. जो की सरासर गलत है.

सांसद ने आगे कहा कि शादी के लिए दूल्हें की नौकरी, उसका सोशल स्टेटस, घर और द्वार देखा जाता है। लेकिन कहीं बहुत अलग हो रहा है, लड़की के घर वाले देखते हैं कि घर में शौचालय है कि नहीं. शायद देश में लोग शौचालय के महत्व को समझ रहे हैं, इस बार रक्षाबंधन में कई जगह से ऐसी ख़बरें आईं जहां लोग अपनी बहनों और बेटियों को गिफ्ट में शौचालय बनवाकर उन्हें भेट किया.

भारत में सफाई को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 में एक विशाल जन आंदोलन स्वच्छ भारत अभियान शुरू हुआ. जिसका मकसद भारत के शहरी और ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ रखने का है. भारत के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन्हीं कार्यक्रमों से प्रेरित होकर लोगों ने कई तरह के अनोखे कार्य किए. कहीं-कहीं तो 'शौचालय नहीं तो विवाह नहीं' ऐसी अनोखी प्रथाएं भी शुरू हो गई है.
सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा, "स्वच्छ भारत अभियान देश में एक जनआंदोलन की तरह जारी है. 2 अक्तूबर, 2014, जब ये अभियान शुरू किया गया था तो देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा सिर्फ 39 प्रतिशत था. आज ये बढ़कर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है. एक बहुत ही स्वस्थ परंपरा भी शुरू हुई है. गाँवों, जिलों और राज्यों में खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। अब तक देश के लगभग 2.5 लाख से भी ज्यादा गाँव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं."
अंत में श्री सिग्रीवाल ने लोगो से अपील किया कि स्वच्छता मिशन को अपना कर्तव्य समझ इसमें तहे दिल से सहयोग करें. चूँकि, यह मिशन एक व्यापक आंदोलन का रूप ले चुका है. इस आंदोलन को सफल बना 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे भारत को किसी भी हालात में पूर्णतः स्वच्छ बना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्य किया जाए. यह प्रत्येक भारतीय नागरिक का फर्ज भी है. उन्होंने मानव व्यवहार परिवर्तन, जियो टैगिंग, निगरानी समिति का गठन, नोडल पदाधिकारी की मॉनीटरिंग, मॉर्निंग फॉलो अप, वार्ड सर्वे, ट्वायलेट तकनीक, जागरुकता अभियान आदि बिन्दुओं की समीक्षा कर ओडीएफ को जनअभियान का स्वरूप देने हेतु हरेक लोगों को इस अभियान से जुड़ने का आवाह्न किया. उन्होंने कहा कि 'स्वच्छता ही सेवा' है तथा स्वच्छ भारत मिशन को जन अभियान का राष्ट्रीय स्वरूप देने हेतु कार्य योजना बनाई गई है.












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