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Buxar Top News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने दिया एक दिवसीय धरना, राज्यपाल से चार सूत्री मांगों को लेकर डीएम को सौंपा गया ज्ञापन ।



जंगल की जमीन पर स्थापित हो रहे उद्योगों में जंगल जमीन के मालिक को भी उस उद्योग में मालिकाना हक तय करने की मांग की गई,ताकि बराबर का अधिकार स्थापित हो सके.


- विशेष राज्य का दर्जा, किसानों के कल्याण, एन एच-84 भू-धारकों के भुगतान जैसी हैं माँगे.
- धरने में शामिल हुए जिला के रांकपा नेता.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के द्वारा गुरुवार को एक दिवसीय विशाल धरने का आयोजन समाहरणालय बक्सर के समक्ष किया गया. इस धरने के माध्यम से राज्यपाल से चार सूत्री मांग की गई. धरने की अध्यक्षता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रभारी जिला अध्यक्ष विनोधर ओझा ने की. इस बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रवादी किसान कांग्रेस के महासचिव बृज बिहारी मिश्रा त
था पर्यवेक्षक के रुप में प्रदेश सचिव डॉक्टर सुभाष चंद्र ओझा उपस्थित थे. वहीं धरने का संचालन जिला उपाध्यक्ष मंजर आलम ने किया.

धरना बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, किसानों के ऋण माफी, नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने, मलाई बराज योजना को चालू कराने, किसानों के उत्पादन का समर्थन मूल्य दोगुना करने, एन एच 84 के भूधारकों के भुगतान में एकरूपता लाने और उन पर किए गए मुकदमों को उठाने के संबंध में किया गया था. साथ ही साथ जंगल की जमीन पर स्थापित हो रहे उद्योगों में जंगल जमीन के मालिक को भी उस उद्योग में मालिकाना हक तय करने की मांग की गई,ताकि बराबर का अधिकार स्थापित हो सके. बृज बिहारी मिश्रा ने विशेष राज्य की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2000 में बिहार का विभाजन होने के समय समस्त खनिज संपदा, बड़े उद्योग कल-कारखाने, मेडिकल और अभियंत्रण महाविद्यालय, वन संपदा सब कुछ झारखंड में चला गया. बिहार के हिस्से में बाहर बालू और जनसंख्या का बोझ मिला. आंतरिक संसाधनों की कमी के चलते आधारभूत संरचना के विस्तार एवं अन्य विकास कार्य रुक गए. इसको देखते हुए तत्कालीन केंद्र की एनडीए सरकार ने विशेष आर्थिक पैकेज देने की बात कही थी, जो कि राज्य को आज तक प्राप्त नहीं हो सका है. उस सरकार में नीतीश जी एक सशक्त मंत्री थे फिर भी वह पैकेज नहीं दिलवा सके. वर्ष 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने पर इसे एक राजनीतिक हथियार बनाया और यूपीए की सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपनी मांग के समर्थन में धरना- प्रदर्शन, रैली एवं हस्ताक्षर अभियान तक का सहारा लिया. प्रदेश सचिव डॉक्टर सुभाष ओझा ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आज से एक व्यापक जन आंदोलन की शुरुआत की है. वहीं जिलाध्यक्ष बिनोधर ओझा ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण बदहाल किसानों की कर्ज माफी और उनके फसलों को पहुंची क्षति का मुआवजा किसानों को अविलंब दिया जाए. मलाई बराज योजना जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने किया था उनकी मृत्यु के 25 वर्ष बाद भी शिलान्यास की स्थिति में है. यही नहीं किसानों को पिछले वर्ष बाढ़ से हुई क्षति का मुआवजा अब तक नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े पूंजीपति अरबों लेकर भाग जा रहे हैं. वही किसानों की ऋण नहीं माफ किया जा जा रहे हैं. मंजर आलम ने कहा कि देश में लाखों रिक्तियां है लेकिन नौजवान इधर उधर भटक रहे हैं. उनकी उम्र सीमा समाप्त हो रही है. समान काम के लिए समान वेतन देने की बात न्यायपालिका कह रही है और सरकार टालमटोल कर रही है. उदय कुमार ओझा ने कहा कि पंचायती राज को सरकार का दर्जा देकर इसे सबल तथा सक्षम बनाया जाए.

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन किसान नेता शिवनंदन ठाकुर ने किया. धरने को संबोधित करने वालों में गुड्डू शर्मा, सोनू ओझा, धनजी ठाकुर, सनी ओझा, गोखुला तिवारी, विशेश्वर पांडेय, हाशिम जी, श्याम बिहारी, वीरेंद्र चौधरी, लल्लन मिश्रा, ददन पासवान, रामकुमार तिवारी, कमलेश कुशवाहा, अशोक तिवारी, राघवेंद्र प्रताप सिंह शामिल थे
















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