Header Ads

Buxar Top News: भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए बक्सर के वीर सपूत का राजकीय सम्मान के हुआ अंतिम संस्कार ..



अभ्यास खत्म कर वापस लौटने की तैयारी हो रही थी. लौटने के क्रम में वाहन अरविंद को ही चला कर लाना था. जैसे ही वह वाहन लेकर निकला वाहन अनियंत्रित होकर हजारों पर गहरी खाई में जा गिरी जिसमें जिले के लाल शहीद हो गए.

- गांव पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल, पत्नी की चीत्कार से नम हुई हर व्यक्ति की आँखे.
- सदर विधायक समेत कई लोगों ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन.


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले की मिट्टी का वीर जवान भारत चीन सीमा पर युद्धाभ्यास के दौरान शहीद हो गया. शुक्रवार को शहीद का शव उसके पैतृक निवास स्थान बक्सर के सदर प्रखंड के हीतन पड़री लाया गया जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

युद्धाभ्यास के बाद वापस लौटने के दौरान खाई में जा गिरी बस:

यह घटना मंगलवार की दोपहर की है जब वह भारत चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के समीप पहाड़ी इलाके पत्थलगढ़ी में युद्धाभ्यास चल रहा था. जिसमें देश के कई वीर जवान शामिल थे. अभ्यास खत्म कर वापस लौटने की तैयारी हो रही थी. लौटने के क्रम में वाहन अरविंद को ही चला कर लाना था. जैसे ही वह वाहन लेकर निकला वाहन अनियंत्रित होकर हजारों पर गहरी खाई में जा गिरी जिसमें जिले के लाल शहीद हो गए.


मौत की ख़बर सुनकर भी परिजनों को नहीं हो रहा था भरोसा:

सदर प्रखंड के औद्योगिक थाना क्षेत्र के हीतन पड़री गाँव के निवासी सच्चिदानंद तिवारी के सबसे बड़े पुत्र अरविंद तिवारी उर्फ मंटू सेना में थे. उनकी मौत की खबर सुनते हैं सहसा परिजनों को इस बात का भरोसा ही नहीं हुआ. लेकिन, सूचना मिलने पर तत्काल उनके परिजन अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गए. जहां से शव को लेकर को सबसे पहले कोलकाता फिर हवाई मार्ग से पटना तथा फिर सड़क मार्ग से बक्सर पहुंचे. उनके साथ सेना के अधिकारी भी मौजूद थे.


बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि का था अरविंद हर एक की आंखें हैं नम:

अपने गांव के  बेटे की मौत पर  हर एक व्यक्ति की आंखें नम है  सभी को मिलनसार स्वभाव के  अरविंद का यूं ही चला जाना बहुत अखर रहा है. शहीद अरविंद तिवारी तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे उनकी शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई थी उनको पढ़ा चुके शिक्षक सतीश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि अरविंद बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई भी फौज में है, जबकि मंझले भाई गांव में ही किसानी करते हैं. माँ की मृत्यु बचपन में ही हो जाने के बाद पिता ने ही उनका लालन-पालन किया था.

शहीद की पत्नी का करुण क्रंदन सुन भर आई सबकी आंखें: 

शहीद का शव दोपहर तकरीबन 2:00 बजे पटना से चला  शाम लगभग 5 बजे जैसे ही शहीद जवान का शव  उनके घर पहुंचा  उनकी उनकी पत्नी के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया. शहीद जवान की दो बच्चियों को भी शायद अपने पिता का साया सर से उठ जाने के गम ने अंदर तक झकझोर दिया था मासूम आंखों में आंसुओं की बेरी उनका दर्द बयान कर रही थी. शहीद के पिता एवं अन्य परिजन भले ही एक दूसरे को साहस बढ़ाने का प्रयास कर रहे हो लेकिन वह भी अंदर से टूट चुके थे. शहीद जवान अपने पीछे पत्नी सहित छह तथा आठ साल की दो बच्चियों की जिम्मेवारी छोड़ गए हैं.

राजकीय सम्मान के साथ किया गया शहीद का अंतिम संस्कार:

बक्सर स्थित चरित्रवन श्मशान घाट पर मृतक शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इसके पूर्व सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, भाजपा नेता प्रदीप दूबे, पूर्व सैनिक संघ के जिला ध्यक्ष रामनाथ सिंह समेत कई लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया. उनके गांव से निकली अंतिम यात्रा में परिजनों के साथ गांव के कई गणमान्य व्यक्ति तथा भारी जन सैलाब शामिल था.


















No comments