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Buxar Top News: पंचायत समिति सदस्यों का विश्वास नहीं जीत पाई सिमरी प्रखंड प्रमुख ..



प्रस्ताव के पक्ष में उन्नीस तथा विरोध में तीन सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि, सात सदस्य कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहे. इस तरह पंचायत समिति सदस्यों को गोलबंद करने में विफल रही प्रमुख को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.


-  कड़ी सुरक्षा के बीच में हुआ मत विभाजन.
-  19/10 से हुआ हार जीत का फैसला.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मत विभाजन में पूर्व प्रमुख माधुरी देवी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाई. भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच गुरुवार को प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी सैयद सरफराजुद्दीन अहमद की देखरेख में प्रमुख के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के बाद मत विभाजन कराया गया. प्रस्ताव के पक्ष में उन्नीस तथा विरोध में तीन सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि, सात सदस्य कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहे. इस तरह पंचायत समिति सदस्यों को गोलबंद करने में विफल रही प्रमुख को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.

इससे पूर्व आयोजित विशेष बैठक की कार्यवाही में भाग लेते हुए पंचायत समिति सदस्य प्रियंका पाठक ने कहा कि अपने दो वर्षो के कार्यकाल में प्रमुख द्वारा निर्धारित समय के अनुसार बैठक नही बुलाना, स्थाई समिति का गठन नहीं करना एवं विकास कार्य बाधित रखना उनके विकास विरोधी मंशा को इंगित करता है. ऐसे में उनको पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वहीं, अजय ओझा, इन्द्रजीत तिवारी, अंगद सिंह, शंकर यादव, टूकर यादव आदि ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ इन्हें ताज दिया गया था, उसका इन्होंने ख्याल नहीं रखा.


प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मत विभाजन कराया. जिसमें प्रमुख को पदच्युत होना पड़ा. बताते चले कि, 29 सदस्यीय पंचायत समिति के 15 सदस्यों द्वारा प्रमुख के खिलाफ निर्धारित समय के अनुसार बैठक नहीं बुलाने, स्थाई समिति का गठन नहीं करने, विकास कार्य बाधित रखने आदि का आरोप लगाते हुए गत 2 जुलाई को सदन के माध्यम से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। आयोजित कार्यक्रम में चुनाव पर्यवेक्षक उमाशंकर तिवारी, प्रभारी अंचलाधिकारी नीरज कुमार, थानाध्यक्ष रंजीत कुमार आदि मौजूद थे. 


अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. पंचायत समिति सदस्यों को छोड़ मुख्यालय परिसर में अन्य किसी के प्रवेश पर रोक थी. इसका नजारा पूरी प्रक्रिया के दौरान देखने को मिला.

- सुंदर लाल की रिपोर्ट.

















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