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Buxar Top News: अतिथि शिक्षक नियुक्ति में एक बार फिर नए घोटाले के संकेत ..



विभाग की क्या मंशा है, यह तो अभी नहीं स्पष्ट है. लेकिन, एक बात तो तय है कि इस बार भी कर्मियों की मनोभावना साफ नहीं है. हो सकता है कि फिर एक बड़े घोटाले का ताना-बाना बुना जा रहा हो !

- ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी नीति पर काम कर रहे हैं कर्मी

- फॉर्म जमा लेने से ही कर रहे हैं टालमटोल, नियुक्तियों के विरुद्ध नहीं जमा हो सकते हैं समुचित आवेदन.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अतिथि शिक्षक घोटाले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने इस तरह का घोटाला दोबारा होने से रोकने का एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. विभाग अब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हेतु आवेदन लेने में ही टालमटोल कर रहा है। संभवत: "ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी" अथवा किसी ऐसी ही सोच के साथ विभागीय वेबसाइट पर दी गई सूची के अनुसार कागजातों की छाया प्रति प्रस्तुत करने के बावजूद विभाग के बाबूओं द्वारा लोगों को कागजातों के नाम पर टरकाया जा रहा है. 

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार कागज लाने पर भी आवेदन को बताया गया अपूर्ण: 

सोमवार को नगर के चीनी मिल निवासी एक व्यक्ति अपनी पत्नी के नाम से आवेदन लेकर शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे थे. अतिथि शिक्षक के पद के लिए उन्होने आवेदन पिछली बार भी जमा कराया था. लेकिन, नियुक्ति की प्रक्रिया में शुरुआती दौर में ही अनियमितता की शिकायत आने के बाद उन प्रक्रियाओं को रद्द कर फिर से नियुक्ति की नई प्रक्रिया शुरू की गई. अतएव, अभ्यर्थियों को एक बार पुनः अपना फॉर्म विभाग में जमा कराना था. इसी क्रम में उक्त व्यक्ति भी अपनी पत्नी का फॉर्म लेकर काउंटर पर पहुंचे. काउंटर पर मौजूद कर्मियों ने उक्त व्यक्ति को टरका दिया. कर्मियों का कहना था कि आवेदन में लगाए गए कागजात पूर्ण नहीं है. ऐसे में उनका आवेदन जमा नहीं हो सकता है. 

कर्मी ने कहा, फूंक-फूंक कर ले रहे हैं आवेदन: 

अभ्यर्थी के प्रतिनिधि ने उक्त कर्मी को वेबसाइट पर दर्शाई गई सूचना का भी हवाला दिया. बावजूद इसके काउंटर पर फॉर्म नहीं लिया गया. यहां तक की मौके पर मौजूद एक कर्मचारी यह कहते देखा गया की यह नियुक्ति एफआईआर दर्ज होने व निरस्त होने के कारण दोबारा हो रही है. इसलिए अब "फॉर्म फूंक- फूंक के लिए जा रहे हैं." 

कर्मियों के रवैया से परेशान हो रहे हैं लोग शिक्षा विभाग भी सवालिया घेरे में:

सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग के कर्मियों के इस रवैया के कारण रिक्त पदों के विरुद्ध अभ्यर्थियों की संख्या भी पूर्व की तरह नहीं है. सूत्रों की माने तो अंग्रेजी विषय मे 44 नियुक्तियों के विरुद्ध अब तक केवल 32 फॉर्म ही लिए गए हैं. सवाल यह भी है कि जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 2 माह पूर्व उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर कर दी गई थी. आज फिर उन्हें क्यों टरकाया जा रहा है? 

मामले में जानकारी लेने के लिए हमने प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी रामेश्वर प्रसाद को उनके 85444 11179 मोबाइल संख्या पर फोन किया उनसे संपर्क नहीं किया जा सका. 

बहरहाल, अभ्यर्थियों के आवेदनों को लेने में टालमटोल करने के पीछे विभाग की क्या मंशा है, यह तो अभी नहीं स्पष्ट है. लेकिन, एक बात तो तय है कि इस बार भी कर्मियों की मनोभावना साफ नहीं है. हो सकता है कि फिर एक बड़े घोटाले का ताना-बाना बुना जा रहा हो !




















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