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अंत्योदय एक मुहिम के तहत जरूरतमंदों को बांटे गए कंबल

उन्होंने कहा कि हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है. यही नहीं ऐसे लाग अपनी आत्मा से ज़्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है. 

- बोले संयोजक, जरूरतमंदों की मदद से मिलती है आत्मिक शांति
- कहा, खुद के भविष्य के बारे में सोच कर वर्तमान में करें जरूरतमंदों की मदद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के विभिन्न स्थानों पर अंत्योदय एक मुहिम तले कम्बल वितरण का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के संयोजक गिट्टू तिवारी ने कहा कि हम साक्षर लोग हमारे समाज के वो वजूद हैं जिनपर हमारा समाज गर्व करता है इसलिए हम सदैव समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद को अपना सौभाग्य मानते हैं. 

उन्होंने कहा कि हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है. यही नहीं ऐसे लाग अपनी आत्मा से ज़्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है. जबकि स्पर्धा से खुद को और दूसरों को तनाव रहता है. जीवन में सहायता या मदद का महत्वपूर्ण स्थान है, परंतु वर्तमान में उपभोक्तावादी संस्कृति ने लोगों के विचारों और उनके कार्य-व्यवहार में बदलाव लाने का काम किया है. देखा गया है कि कई बार लोग संकट में पड़े व्यक्ति को देखकर मुँह फेर लेते हैं और अपने रास्ते चले जाते हैं. वे यह नहीं सोचते कि वे भी कभी इस प्रकार के संकट में पड़ सकते हैं और लोग मदद नहीं करेंगे तो क्या होगा.परिणाम के बारे में सोचकर दूसरों की मदद करने का स्वभाव बनाना चाहिए.और यह बात याद रखनी चाहिए कि परिवार, समाज और सारी दुनिया आपसी सहयोग और भाईचारे की भावना से ही चल रही है. कष्ट या संकट किसी पर भी आ सकते हैं. ऐसे समय सहायता की जरूरत होती है. सहायता मिल जाने से संकट दूर हो जाते हैं और कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. उन्होंने कहा कि बड़े-बुजुर्गों का कथन यह है कि लोगों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा तुम अपने लिए पसंद करते हो. संसार में कौन अपना और कौन पराया है, यह हमारी दृष्टि पर निर्भर है. यह बात याद रखना चाहिए कि लोग अपने सद्व्यवहार से परायों को भी अपना बना लेते हैं और अपने दुर्व्यवहार से अपनों को भी पराया बना देते हैं. अपनों की पहचान भी कार्य और व्यवहार देखकर ही होती है.
ऐसे में लोगों को चाहिए कि लाचारों के कष्ट एवम उनकी निर्धनता में थोड़ी भागीदारी करें. 


कार्यक्रम में आर्थिक मदद करने वाली  लोगों में  वार्ड  पार्षद प्रतनिधि जय तिवारी, अमृत गुप्ता, विवेक मौर्य, देव राज, कृष्णकांत चौबे, अजय गुप्ता, हिमांशु यादव, मुरारी उपाध्याय, राहुल कुमार, देवेन्द्र कुमार, गिट्टु तिवारी, राजीव सिंह, अमृत गुप्ता, संजय सिंह, विवेक मौर्या, अजय गुप्ता, हिमांशु यादव, संजीत कुमार, आशीष मेडिकल, दीपक सिंह, अमित सिंह, टिंकू मास्टर, रंजन बिट्टू आदि का योगदान रहा.
























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