वीडियो: फांसी की रस्सी के बाद अब कोरोना वायरस रक्षा कवच बना रहे सेंट्रल जेल के कैदी ..
केंद्रीय कारा के निर्माणशाला में पूर्व से ही वस्त्र बनाने का कार्य होता रहा है. ये वस्त्र कैदियों के पहनने के लिए बनाए जाते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मास्क की उपयोगिता देखते हुए कैदियों से अब मास्क भी बनवाए जा रहे हैं.
- बक्सर केंद्रीय कारा में बनाए जा रहे हैं मास्क एवं साबुन
- प्रारंभिक चरण में कैदियों के बीच किया जा रहा वितरित, आवश्यकता पड़ने पर देशभर में होगी आपूर्ति
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां पूरे विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दहशत भरा माहौल है वहीं, दूसरी तरफ मास्क तथा सैनिटाइजर की भी बिक्री जोरों पर है. अचानक से ज्यादा डिमांड होने के कारण मांस तथा सैनिटाइजर की जमकर कालाबाजारी भी होने की सूचना मिल रही है. ऐसे में बक्सर केंद्रीय कारा के कैदियों ने लोकल मेड मास्क तथा साबुन बनाना शुरू कर दिया है.
बताया जा रहा है कि, प्रारंभिक चरण में यह मास्क के जेल के कैदियों के लिए बनाए जा रहे हैं बाद में आवश्यकता पड़ने पर बाजार में भी इसकी आपूर्ति की जा सकती है. ऐसे में फांसी की रस्सी बनाने वाले बक्सर जेल की चर्चा एक बार फिर वैश्विक स्तर पर होने जा रही है. हालांकि अब की बार यह चर्चा कोरोना से जीवन रक्षा के लिए मास्क रूपी कवच के निर्माण पर होगी.
केंद्रीय कारा के निर्माणशाला में होगा निर्माण:
इस बाबत जानकारी देते हुए प्रभारी कारा अधीक्षक सतीश कुमार सिंह ने बताया कि, केंद्रीय कारा के निर्माणशाला में पूर्व से ही वस्त्र बनाने का कार्य होता रहा है. ये वस्त्र कैदियों के पहनने के लिए बनाए जाते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मास्क की उपयोगिता देखते हुए कैदियों से अब मास्क भी बनवाए जा रहे हैं.
सभी 1253 कैदियों को दिया गया मास्क, बाहर भी हो सकती है आपूर्ति:
उन्होंने बताया कि, जेल में रविवार तक 1253 कैदी बंद है. प्रारंभिक चरण में सभी कैदियों को जेल में बने मास्क प्रदान किए गए हैं. बाद में आवश्यकता अनुसार तथा सरकार के निर्देश पर मास्क की आपूर्ति देशभर में की जा सकती है. इसके साथ ही साफ-सफाई को बनाए रखने के लिए जेल में व्यापक पैमाने पर साबुन का भी निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें न सिर्फ हाथ धोने वाले बल्कि, कपड़े धोने वाले साबुन का भी निर्माण कराया जा रहा है. यह दोनों उत्पाद कैदियों को बिल्कुल निशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं वहीं, अन्य जेलों तथा ओपन मार्केट में भी आवश्यकता अनुसार इसकी आपूर्ति की जाएगी.
मुलाकातियों के मिलने के समय में हुई कटौती:
प्रभारी कारा अधीक्षक के मुताबिक कारण प्रशासनिक सुधार विभाग के निर्देशानुसार कैदियों से मुलाकातियों के मिलने के समय को भी बेहद कम कर दिया गया है. इसके साथ ही यह कैदी तथा उनके मुलाकातियों को यह निर्देश भी दिया गया है कि, वह बहुत ज्यादा आवश्यकता पड़ने पर ही कैदियों से मुलाकात करें. ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम रहे. इसके साथ ही मुलाकात करने से पूर्व कैदियों को मास्क पहनकर ही मिलने की हिदायत दी गई है.
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