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वीडियो: बाल विवाह की सूचना पर पहुंचा प्रशासन तो मंडप छोड़ भागने लगे रिश्तेदार, फिर ..

नतीजा यह हो रहा है कि आज भी लोग बेटी को पराई समझ कर जल्द से जल्द उनकी शादी कर देने में ही अपनी भलाई समझते है. 

देखें वीडियो:
-  नगर थाना क्षेत्र के पीपरपांती रोड स्थित जहाज घाट पर हो रहा था बाल-विवाह.
- प्रशासन ने मांगा उम्र का प्रमाण पत्र, दिखाने में रहे असमर्थ.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सूबे की सरकार भले ही बाल विवाह पर रोक लगाने को लेकर तमाम तरह के दावों के साथ साथ करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही हो, लेकिन लोगों की मानसिकता पर कोई असर नहीं पड़ रहा. नतीजा यह हो रहा है कि आज भी लोग बेटी को पराई समझ कर जल्द से जल्द उनकी शादी कर देने में ही अपनी भलाई समझते है.  कुछ ऐसा ही नजारा बक्सर नगर थाना के पीपरपांती रोड स्थित जहाज घाट मंदिर में देखने को मिला, जहां नाबालिक जोड़े की शादी की तैयारी चल रही थी. तैयारी के दौरान ही बक्सर प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस बात की जानकारी मिली जिसके बाद वह सदलबल मौके पर पहुंच गए. जहां से लड़के और लड़की समेत परिजनों को नगर थाना लाया गया एवं बाल विवाह गैरकानूनी है इस बात से उन्हें अवगत कराया गया. बाद में उनसे शपथ दिलाई गई थी वह कभी भी बाल विवाह करने की चेष्टा नहीं करेंगे तथा उन्होंने अपनी गलती को सुधारने का शपथ पत्र दिया. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्यवाही में जुट गई है.

इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार राजपुर प्रखंड के तिलकापुर के रहने वाले तुलसी चौधरी के 20 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार चौधरी की शादी इटाढ़ी थाना के चिलबिला गांव की पूजा कुमारी से हो रही थी. इसी बीच किसी ने इस बात की जानकारी प्रशासन को दे दी. जिसके बाद सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी रोहित कुमार मिश्रा दल बल के साथ स्थल पर पहुंच गए तथा लड़का-लड़की के परिचय पत्र की मांग कर दी. जो कि परिजन देने में असमर्थ रहे. तत्पश्चात उन्होंने शादी को रुकवाया एवं परिजनों को थाने लाया गया जहां दूल्हे राकेश कुमार ने बताया कि उसकी उम्र 24 वर्ष है और वह बालिग है लेकिन प्रशासन को उसकी उम्र पर शक होने के कारण उसे उसके जन्म का प्रमाण पत्र मांगा गया. वहीं लड़की की उम्र की भी जांच करने पर ज्ञात हुआ कि लड़की 18 वर्ष से कम आयु की है. मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि बाल विवाह की सूचना मिलते ही शादी को रुकवा दिया गया है. अब उम्र का सत्यापन होने के बाद प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगी. बताते चलें कि समाज से बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत हो इसके लिए सरकार को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता की कमी दिखाई दे रही है जरूरत है निचले स्तर तक इस अभियान को चलाने की ताकि हमारे समाज से इस कुप्रथा का अंत हो सके.
























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