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फौजी पति समेत दहेज हत्या के आरोपितों को न्यायालय ने सुनाई सजा ..

आरा के रहने वाले विरंजन ठाकुर ने 12 फरवरी 2013 को अपनी पुत्री गुंजा की शादी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव निवासी विंध्यांचल ठाकुर के पुत्र दीपक ठाकुर से की थी. दीपक फौज में नौकरी करता था

- दहेज के लिए विवाहिता को किया था आग के हवाले.

- पति समेत तीन लोगों को बनाया गया था आरोपित.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पाँच लाख रुपये दहेज की माँग को लेकर पत्नी को जलाकर हत्या के आरोपित पति, देवर तथा सास को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार दुबे की अदालत द्वारा दोषी करार देते हुए अलग अलग सजाएं सुनाई गई है. मामले में आरोपित पति को दीपक ठाकुर को भादवि की धारा 304 बी/34 के तहत 50 हज़ार रुपये के जुर्माने के साथ साथ 10 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही साथ मृतिका के देवर दीपू कुमार भादवि की धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास के साथ साथ 15 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वही सास कमला देवी को भादवि की धारा 498ए/34 के तहत 50 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है.

इस बाबत प्राप्त जानकारी के अनुसार आरा के रहने वाले विरंजन ठाकुर ने 12 फरवरी 2013 को अपनी पुत्री गुंजा की शादी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव निवासी विंध्यांचल ठाकुर के पुत्र दीपक ठाकुर से की थी. दीपक फौज में नौकरी करता था. बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही दीपक तथा उसके घरवालों द्वारा नव विवाहिता पर 5 लाख रुपया नगद  बतौर दहेज मायके से लाने का दबाव बनाया जाने लगा. इस बात को लेकर नवविवाहिता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा था.  इसी दरम्यान 7 नवंबर 2015 को दहेज लोभियों ने नवविवाहिता गुंजा को जलाकर उसकी हत्या कर दी तथा उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री को लेकर फरार हो गए. मामले को लेकर स्थानीय थाने में पति दीपक ठाकुर, देवर दीपू कुमार तथा सास कमला देवी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में आरोपित पति ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. हालांकि, सास तथा देवर को जमानत मिल गयी थी. न्यायालय द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें भी जेल भेज दिया गया. वहीं बच्ची को उसके नाना को सौंप दिया गया.
























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