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बक्सर के इस घाट पर दिखता है जीवन के रंगमंच का मेला ..

पति ज़ीवन में आ गए तो तीज़ व्रत की पोथी भी यहीं मिल गयी, तो यह धार्मिक पुस्तक बाजार भी लगा. अब किसी शाम श्रीमति रूपा पति के साथ घाट पर आती है तो लगता है कि यह बक्सर का जुहू चौपाटी हो

- जीवन के हर रंग के लिए उपलब्ध है यहां सामान.

- आपसी भाईचारे की भी पेश करता है मिसाल.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: यूँ तो बक्सर में गंगा नदी के किनारे कई घाट बने हुए हैं लेकिन विश्वप्रसिद्ध रामरेखा घाट इस शहर का एक घाट ही नहीं है, अपितु यह कई घट-घटनियों की कथानक भी हैं. रामरेखा घाट का बाज़ार कोई साधारण चट्टी का बाज़ार नहीं है. बल्कि, यह ज़ीवन के रंगमंच का मेला है. बाल्यकाल से लेकर दाह संस्कार तक के सामान यहाँ बिकते हैं.

रूपा तिवारी को यह बाज़ार जीवन का ही बाज़ार दिखता है. श्रीमती तिवारी बचपन में माँ के साथ चूड़ियाँ खरीदने जाती थी, तब यह महज़ चूड़ी बाजार था. जब वह युवा हो गई तो सौंदर्य समान खरीदने लगी, तब यह फ़ैशन बाज़ार हो गया. शादी होने लगी तो कढ़ाई बुनाई का सामान भी यहीं मिला तो लगा कि यह क्राफ्ट मेला लगा है. वहीं जब पति ज़ीवन में आ गए तो तीज़ व्रत की पोथी भी यहीं मिल गयी, तो यह धार्मिक पुस्तक बाजार भी लगा. अब किसी शाम श्रीमति रूपा पति के साथ घाट पर आती है तो लगता है कि यह बक्सर का जुहू चौपाटी हो. 

श्याम सुंदर ठाकुर की पत्नी का दो बार पर्स लुट गया इस रामरेखा घाट के बाज़ार में. उन्हें ऐसा लग कि उनका झुमका गिर गया हो बरेली के बाज़ार में. फिर भी ठकुराइन हर बियफे को यहीं बाज़ार करती हैं, क्योंकि उन्हें हर कुछ मिल जाता हैं. तिस पर वह दुकानदारों से परिचित भी हो गई हैं. मोल-मोलाई भी कर लेती हैं. कुछ पसंद आया तो उधार भी ले लेती हैं.

दुकानदार बिहारी जी मिश्रा और अरुण जी पांडेय बताते है कि यह रोज़ पांच लाख का खरीद फरोख्त वाला बाज़ार हैं. जो सुबह आठ बजे से रात्रि 10 बजे तक गुलज़ार रहता हैं. गंगा-जमुनी तहज़ीब को कायम रखने वाले हिन्दू घाट के बाज़ार में आधे व्यवसायी हिन्दू एवं आधे मुसलमान हैं फिर भी भाई-भाई के तरह रहते हैं और ख़ुद रूपा तिवारी को भी यह गंगा जमुनी तहज़ीब अच्छी लगती हैं.
रामरेखा घाट बाज़ार ही नहीं बक्सर की पहचान भी हैं, इसकी तंग गलियों में लोग खुलकर खरीददारी करते हैं. वैसे जीवन तो तंग हैं, बाज़ार जार-जार कर खुलता है और बन्द होता हैं. यह प्रतीत होता है कि जीवन का, रूपा का, ठकुराइन का सबका बाज़ार यहीं हो.











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