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सेना में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा, एक गिरफ्तार ..

पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मामला फर्जी निकला. उसने चिलहरी पंचायत की सरपंच आशा देवी के जांच प्रतिवेदन पर सेना में दिए जाने वाले सभी दस्तावेज को फर्जी तरीके से बनवा लिया था

- उत्तर प्रदेश का है गिरफ्तार युवक.

- मुख्य दलाल रहा भागने में सफल.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे सेना में नौकरी देने का खुलासा होने पर उत्तर प्रदेश के एक युवक को गिरफ्तार किया गया. यूपी के एक युवक को गिरफ्तार किया.वह फर्जी नाम, पते और प्रमाण पत्रों के सहारे सेना में भर्ती हुआ था. अगले 23 मार्च को योगदान करने से पहले सरपंच का जाली हस्ताक्षर, मुहर, लेटरपैड और आधार की जांच-पड़ताल के बाद फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. हालांकि बताया जा रहा है कि इसी तरह का एक और जालसाजी वर्क पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा है.

इस सन्दर्भ में जानकारी के अनुसार वाराणसी यूपी के  चौबेपुर थाना क्षेत्र के तोफापुर गांव निवासी श्यामबली सिंह के पुत्र मनीष कुमार ने सेना में बहाली के लिए नया भोजपुर ओपी क्षेत्र के गोपालडेरा के गलत पता पर आधार कार्ड बनवाया. इसके बाद जाति, आवासीय एवं अन्य प्रमाणपत्र भी हासिल कर लिए. इसके प्रमाण पत्रों की जांच पड़ताल की गई तो भोजपुर कदीम की सरपंच रेखा देवी का फर्जी हस्ताक्षर, लेटर पैड और मोहर का प्रयोग किया गया था. यहीं नहीं, पूर्व में पुलिस कप्तान के कार्यालय से निर्गत चरित्र प्रमाणपत्र के आधार पर दानापुर में सेना में नौकरी भी पक्की हो गई थी. जहां 23 मार्च को योगदान करना था. इसी बीच सेना कार्यालय से बहाल युवकों की जांच पड़ताल हेतु दस्तावेज भेजा गया. पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मामला फर्जी निकला. उसने चिलहरी पंचायत की सरपंच आशा देवी के जांच प्रतिवेदन पर सेना में दिए जाने वाले सभी दस्तावेज को फर्जी तरीके से बनवा लिया था. पुलिस को चकमा देकर फरार होनेवाला युवक चंद्रशेखर यादव जो वाराणसी के ही मिश्रीपुरा गांव निवासी स्व.सुरेंद्र यादव का पुत्र बताया जाता है. बताया जा रहा है कि वह शौच के बहाने पुलिस को चकमा देकर भाग निकला.


मामले का भंडाफोड़ होते ही डुमरांव के अंचल निरीक्षक कृष्णमुरारी ओझा के लिखित शिकायत पर दोनों युवकों के खिलाफ फर्जीवाड़ा की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. वहीं गिरफ्तार युवक मनीष कुमार से पूछताछ चल रही है. सेना में नौकरी दिलाने के मामले में और भी कई लोगों के नाम उजागर होने की संभावना है.  उधर अपने बेटे की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही मनीष के पिता भी पहुंचे. पूछताछ हुई तो दोनों ने बताया कि यूपी के पते पर नौकरी नहीं मिली तो सेंटिग करानेवाले कथित दलाल ने बिहार के पते पर सेना में नौकरी दिलाने के लिए तानाबाना तैयार किया. पुलिस चंद्रशेखर यादव की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है.  पूछताछ में मनीष कुमार ने बताया है कि उसके संपर्क में वाराणसी के देवेन्द्र कुमार नामक एक व्यक्ति आया था. उसने सेना में भर्ती कराने के लिए उससे चार लाख में सौदा तय किया. अग्रिम दो लाख रुपये देने के बाद जब नौकरी का योगदान पत्र मिला तो ये दोनों युवक बाकी पैसा हड़पने के चक्कर में पड़ गए. इसके बाद दानापुर सेना कार्यालय में उसी दलाल के इशारे पर ज्वाइनिग से पहले वेरिफिकेशन पत्र स्थानीय पुलिस को मिल गया.














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