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प्लास्टिक कचरे से बनेंगी चकाचक सड़कें ..

 गीले सूखे कचरे के साथ प्लास्टिक को अलग किया जाएगा. जिसको इस सॉलिड वेस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जाएगा. प्लास्टिक और गीले सूखे कचरे को अलग करने के लिए लोगों को अलग-अलग संग्रहित करने के लिए नीले तथा हरे डस्टबिन बाँटे गए हैं


- कचरे के पुनर्चक्रण को लेकर नगर परिषद ने बनाई है बेहतरीन योजना.

- खर्च होगा आधा सड़के चलेंगी ज्यादा.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वच्छ एवं साफ वातावरण के लिए घातक साबित हो रहा प्लास्टिक कचरा अब सड़क बनाने के काम आएगा. नगर के  विभिन्न इलाकों से रोजाना निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण में किया जाएगा. कचरे के पुनर्चक्रण के तहत सर्वप्रथम प्लास्टिक के सूखे कचरे का अलग संग्रहण किया जाएगा तत्पश्चात उसका प्रयोग ज्यादा टिकाऊ तथा बेहतरीन सड़कों के निर्माण के लिए किया जाएगा. प्लास्टिक से बनी सडकें सस्ती होने के साथ अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित होंगी. प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करके बनाई जाने वाली सड़कें मानसून के दौरान टिकाऊ होती हैं। इसके अलावा यह 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी नहीं पिघलती हैं. अमूमन गर्मी में पारा बढ़ने पर सड़कें पिघलने लगती हैं, जिससे तारकोल सड़कों पर ऊपर आ जाता है. उससे उनकी लाइफ कम हो जाती है. प्लास्टिक की परत चढ़ने से यह मजबूत हो जाती हैं.


प्लास्टिक का ऐसे होगा इस्तेमाल:

वेस्ट प्लास्टिक को रिसाइकिल कर उसे ग्रेन्यूल्स में तब्दील किया जाएगा. इस ग्रेन्यूल्स का इस्तेमाल ही सड़क निर्माण में होगा. ग्रेन्यूल्स को तारकोल के साथ मिलाकर सड़कों पर पत्थरों के ऊपर डाला जाएगा. उससे सड़कों की ऊपरी परत मजबूत तैयार होगी. इससे ट्रांसर्पोटेशन का खर्च भी बचेगा. सड़क निर्माण के लिए प्रयुक्त होने वाली सामग्री को दूर से मंगवाना काफी हद तक कम हो जाएगा.


हर प्रकार के प्लास्टिक कचरे का होगा पुनर्चक्रण:

नगर में में रोजाना हज़ारों टन कचरा निकलता है, जिसमें काफी मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट होता है. प्लास्टिक वेस्ट में पॉलीथिन, डिस्पोजेबल, चॉकलेट रैपर, पैकेज्ड फूड के रैपर आदि शामिल होता है. फिलहाल इस कचरे को अलग संग्रहित करने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है. लेकिन शीघ्र ही इसे अलग करते हैं पुनर्चक्रित कर सड़क निर्माण में प्रयोग किया जाएगा.

सॉलि़ड वेस्ट मटेरियल को किया जाएगा अलग: 

नगर परिषद गीले और सूखे कचरे को अलग करने के लिए पिट बनाये जाने हैं. इसमें गीले सूखे कचरे के साथ प्लास्टिक को अलग किया जाएगा. जिसको इस सॉलिड वेस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जाएगा. प्लास्टिक और गीले सूखे कचरे को अलग करने के लिए लोगों को अलग-अलग संग्रहित करने के लिए नीले तथा हरे डस्टबिन बाँटे गए हैं.

क्या होगा फायदा:

प्लास्टिक से बनी सड़क की सड़कें आम सड़कों से दोगुना चलेंगी. ये सड़कें बारिश के बाद भी सड़क नहीं उखड़ेगी. साथ ही प्लास्टिक कोटेड होने से पानी का असर कम होगा.बताया यह भी जा रहा है कि यह सड़क आम सड़क से काफी सस्ती होगी.


इस बाबत नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि प्लास्टिक से बनी सड़कें जहां काफी टिकाऊ होगी वहीं पर्यावरण के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे प्लास्टिक कचरे से भी निजात मिलेगी.











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