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हिन्दुस्तान के विकास के नाम पर उतरे धन्नू मिस्त्री ने छोड़ा रणक्षेत्र, अब केवल 15 प्रत्याशी मैदान में ..

पिछले लोकसभा चुनाव में भी कुछ इसी तरह की तस्वीर सामने आई थी. बताया जाता है कि तब किसी ने नाम वापस नहीं लिया था और सभी सोलह उम्मीदवार मैदान में रह गए थे. इस परिस्थिति में जिला निर्वाचन को नोटा के लिए अगल से एक बैलेट यूनिट की व्यवस्था करनी पड़ी थी


- अंतिम दिन ताफीर हुसैन ने लिया नाम वापस.

- 16 वें क्रमांक पर रहेगा नोटा का विकल्प. 


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: लोकसभा चुनाव के रणक्षेत्र में उतरे उम्मीदवारों की सूची गुरुवार को फाइनल हो गई. अब केवल कुल 15 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में दम दिखाएंगे. जिला निर्वाचन पदाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया नाम वापस लेने की निर्धारित अंतिम तिथि को हिन्दुस्तान विकास दल के उम्मीदवार ताफीर हुसैन उर्फ धन्नू मिस्त्री ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इस तरह अब मैदान में कुल 15 उम्मीदवार रह गए. अब इन्हीं के बीच लोकसभा का मुकाबला होगा. इन प्रत्याशियों में राष्ट्रीय दलों के 3 उम्मीदवार, रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दलों के 7 उम्मीदवार तथा 5 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं. एक प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने के पश्चात जो प्रत्याशी मैदान में रह गए उनमें मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों में राष्ट्रीय जनता दल से जगदानंद सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अश्विनी कुमार चौबे तथा बहुजन समाज पार्टी से सुशील कुमार सिंह मैदान में हैं. वहीं, रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों में वोटर्स पार्टी इंटरनेशल से धनजीत सिंह उर्फ धनजीत कुमार, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) से रवि राज, जनतांत्रिक विकास पार्टी से अनिल कुमार, राष्ट्रीय दल यूनाइटेड से अनिल कुमार राय, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से उदय नारायण राय,  पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) से विनोद कुमार विक्रांत तथा बहुजन मुक्ति पार्टी से संतोष कुमार यादव मैदान में हैं. उधर, निर्दलीय उम्मीदवारों में अरविन्द कुमार पांडेय, जय प्रकाश राम, रणजीत सिंह, राकेश कुमार राय तथा रामचंद्र सिंह यादव शामिल हैं.

पिछली बार की तुलना में घट गया एक उम्मीदवार:

पिछले लोकसभा चुनाव में भी कुछ इसी तरह की तस्वीर सामने आई थी. बताया जाता है कि तब किसी ने नाम वापस नहीं लिया था और सभी सोलह उम्मीदवार मैदान में रह गए थे. इस परिस्थिति में जिला निर्वाचन को नोटा के लिए अगल से एक बैलेट यूनिट की व्यवस्था करनी पड़ी थी. हालांकि, इस बार प्रशासन इससे बच गया. इस बार एक ही बैलेट यूनिट से काम चल जाएगा.















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