भोजपुरी से अश्लीलता हटाने का हुआ शंखनाद ..
इतना ही नहीं दिल्ली में अनेकों संस्थाओं ने इसको रोजगार समझकर केवल मंच तक कार्य करती थी. लेकिन, नन्द कुमार तिवारी द्वारा जमीनी स्तर पर चलाया गया. अभियान भोजपुरी के लिए वरदान साबित हो रहा है.
- धनसोई थाना क्षेत्र के खरवनिया गांव में आयोजित हुआ था कार्यक्रम.
- गायकों तथा श्रोताओं ने भी ले अश्लीलता मुक्ति की शपथ.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भोजपुरी से अश्लीलता को हटाए जाने की माँग को लेकर धनसोई थाना क्षेत्र के खरवनिया गांव में शंखनाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम का उदघाटन भरत व्यास ने किया. इस दौरान प्रख्यात गायक कहा कि अभी तक जितनी भी संस्था भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाई वो मंच तक ही रह गया. इतना ही नहीं दिल्ली में अनेकों संस्थाओं ने इसको रोजगार समझकर केवल मंच तक कार्य करती थी. लेकिन, नन्द कुमार तिवारी द्वारा जमीनी स्तर पर चलाया गया. अभियान भोजपुरी के लिए वरदान साबित हो रहा है. मैं हर पर इस अभियान के साथ हूँ और रहूँगा.
फ़िल्म निर्माता अंजय रघुराज ने कहा कि इस मंच पर आकर मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. मैं वादा करता हूँ कि नन्द कुमार तैयारी की इस मुहिम के साथ हूँ. मेरी कोई भी फ़िल्म अश्लील नही होगी. गायिका सोनी पांडेय ने कहा भोजपुरी को गायकों ने कच्छा और बनियान पर टांग दिया है, जो बेहद शर्म की बात है. गायक गोलू राजा ने भी कहा आज के बाद मैं कभी गलत
गीत नही गाऊँगा मैं इस अभियान के साथ हूँ. गायक विशाल गगन ने भी अश्लीलता के विरुद्ध आवाज उठाई. सामाजिक कार्यकर्ता मिथिलेश पाठक ने कहा कि खरवनिया ग्राम से शुरु शंखनाद हमेशा विजय लक्ष्य की तरफ होगा. भाषा को अमर्यादित करने वालो को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आयोजक नन्द कुमार तिवारी ने कहा की मेरे जीते जी कोई भोजपुरी भाषा मे जहर घोले ये कतई बर्दाश्त नही होगा और अश्लील गाने वालो को काली सूची में डाला जाएगा. यही नहीं अश्लील फिल्मों का विरोध सिनेमा हाल में भी होगा. अश्लीलता को जड़ से मिटाना है. भोजपुरी की गरिमा को बचाना है.
गायक, वादक से लेकर श्रोताओं ने भी भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ मुहीम चलाने की शपथ ली.
मौके पर रविन्द्र सिंह, मुनमुन पाठक, बड़े ओझा, रंजय सिंह, हरेंद्र सिंह, धीरज सिंह, मनोज सिंह, अभय सिन्हा, अरुण उपाध्याय, राधेश्याम सिंह, रिपु तिवारी, रामजी दुबे, दीपक यादव, चंदन यादव इत्यादि लोग इत्यादि थे.
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