बड़ी खबर: कृषि विभाग में यंत्रों की खरीद के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जाँच कमिटी गठित ..
उन्होंने बताया कि अब तक कुल 1 करोड 74 लाख रुपये की राशि किसानों के बीच में वितरित कर दी गई है. ऐसे में यदि कोई किसान अथवा कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार के इस खेल में लिप्त पाया जाता है तो उस पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- एक करोड़ 74 लाख बांटने के बाद खुली अधिकारियों की नींद
- मामले की जांच के लिए बनाई गई टीम.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अपने कारनामों से अक्सर चर्चा में रहने वाले कृषि विभाग में एक बार फिर घोटाले के संकेत मिलने लगे हैं. यह घोटाला अबकी बार विभाग से अनुदानित दर पर मिलने वाले कृषि यंत्रों से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सरकार की योजना के अनुसार जरूरतमंद किसानों को विभाग द्वारा अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाने हैं. लेकिन, कुछ घोटालेबाजों द्वारा बिना यंत्र खरीदे ही सरकार से अनुदान की राशि हड़प कर ली गई है. हालांकि, इसकी जानकारी मिलते हैं विभाग हरकत में आ गया है. बताया जा रहा है कि अब तक तकरीबन एक करोड़ 74 लाख रुपए की राशि किसानों के बीच में बांट दी गई है. ऐसे में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा आनन-फानन में एक कमिटी का गठन कर मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
दुकानदारों की मदद से किया राशि का गबन:
कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा जिले के चयनित किसानों की सूची के अनुसार उन्हें कृषि यंत्र खरीदने के लिए पैसे उपलब्ध कराए गए थे. लेकिन, यह जानकारी मिल रही है कि कई किसानों ने यंत्र खरीदने के बाद उन्हें पुनः दुकानदार को वापस कर दिया तथा सरकार से प्राप्त अनुदान का गलत तरीके से गबन कर लिया. कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिन किसानों को यंत्रों की खरीद के लिए राशि मिल गई है, उनकी भी दोबारा जांच कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि अब तक कुल 1 करोड 74 लाख रुपये की राशि किसानों के बीच में वितरित कर दी गई है. ऐसे में यदि कोई किसान अथवा कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार के इस खेल में लिप्त पाया जाता है तो उस पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, इस तरह का मामला सामने आने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है.
वीडियो में देखिये क्या कहते हैं अधिकारी:
इस अनियमितता के लिए सचिव स्तर के अधिकारी दोषी हैं जो निति ही ऐसी बनाते हैं, जिसमें लाभार्थियों को फायदा कम जनसेवकों को अधिक होता है। और हमारा सिस्टम जनता को बरगलाने के लिए ही बना है, वरना अब तक भारत महाशक्ति होता। इति।
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